बुधवार, 31 अक्तूबर 2007

चिकेन बनाम रोनान

नीचे लिखा गया साक्षात्कार उस महान घटना का परिणाम है जो पिछले दिनों भारतीय नेताओं की सच्ची तस्वीर के रुप में विश्व राजनीती में उभरी ॥


आप अपना परिचय और हैसीयत बताएं।

जी , मेरा नाम रो नैन सेन, है और मैं अमेरिका में भारत का राजदूत हूँ॥

ये क्या नाम हुआ भाई , रो नैन , आख़िर नैन (आंखें) ही तो रोयेंगी या कान रोयेंगे। और तुम्हे राजदूत क्यों बनाया गया है ?

जी, दरअसल मुझे इसलिए नियुक्त किया गया था की सबको ये यकीन था की अमर्त्य सेन के बाद मैं ही वो अगला सेन हूँ जो इस देश और आप सबका नाम रोशन करेगा,

हाँ,हाँ, सो तो कर ही दिया तुमने। अब ये बताओ कि तुमने हमारे बारें में ऐसी बात क्यों कही । मतलब हेड लेस चिकेन, पहले ये बताओ कि हेड लेस क्यों कहा।

श्रीमान, सारी बातों का गलत मतलब निकाला गया है। हेड लेस यानी बिना मुंडी सिर के, यानी सब एक समान,
यानी बराबर । आप खुद ही सोचो यदि आप सबकी मुंडी काट दी जाएँ तो क्या पता चलेगा कि कौन सरकार है कौन विपक्षी , कौन ऍम पी है और कौन पी ऍम , कौन लेफ्ट है कौन राईट , यानी सब एक समान॥


अछा चलो मान लिया , मगर चिकेन क्यों कहा ? तुम और कुछ भी कह सकते थे ,उल्लू ,कौवा, गधा, कुछ भी मगर तुमने विदेशी जीव का नाम क्यों लिया?


श्रीमान उसकी वजह सिर्फ इतनी है कि मैं नॉन वेजेतारियन हूँ और उसमें भी चिकेन कि रेसिपी मुझे खास पसंद है मगर अपने यहां तो चिकेन का मतलब लोग सीधा चिकेंगुनिया ही समझ लेते हैं॥

ठीक ठीक है मगर इस सब में हमारी इज्ज़त हमारी छवि नहीं खराब हुई।


अरे हुज़ूर जब विदेशों में सुरक्षा चेकिंग के नाम पर हमारे विदेश मंत्री हमारे रक्षा मंत्री तक की धोती गंजी तक उतरने से किसी कि इज्ज़त पर फर्क नहीं पडा तो इससे क्या पडेगा।


अच्छा चलो माफ़ किया , मगर आगे से सिर्फ देसी जीवों के सात ही तुलना करना , अब जाओ और दूत्गिरी करो।


झोल टन माँ

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