tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post9013353074937696040..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : रोज़ नए दर्द, संभालता हूँ मैंअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-71212914506345431652010-01-30T20:25:48.045+05:302010-01-30T20:25:48.045+05:30आग उबालने का बिम्ब अद्भुत हैआग उबालने का बिम्ब अद्भुत हैशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-10526179652483423492010-01-30T09:51:54.342+05:302010-01-30T09:51:54.342+05:30सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,
एक गम आता है, तो,
जब ...सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,<br />एक गम आता है, तो,<br />जब भी देती है, ख़ुशी दस्तक,<br />आगे को टालता हूँ मैं॥<br /><br />वो कहते हैं कि,<br />धधकती हैं मेरी आखें,<br />क्या करूं कि सीने में,<br />इक आग उबालता हूँ मैं॥<br /><br />वाह, क्या कहूँ ? बहुत ख़ूबसूरत !!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27747250937897685202010-01-30T07:01:45.705+05:302010-01-30T07:01:45.705+05:30बहुत गहन भाव लिये है ये रचना.
रामराम.बहुत गहन भाव लिये है ये रचना.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-28308150453938650732010-01-30T01:00:52.003+05:302010-01-30T01:00:52.003+05:30बहुत गहरे...शानदार!बहुत गहरे...शानदार!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-60388894918907770642010-01-30T00:24:45.739+05:302010-01-30T00:24:45.739+05:30सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,
एक गम आता है, तो,
जब ...सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,<br />एक गम आता है, तो,<br />जब भी देती है, ख़ुशी दस्तक,<br />आगे को टालता हूँ मैं॥<br />वाह वाह बहुत सुंदर लेकिन दर्द भरी रचना.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15860457504154117192010-01-29T22:30:52.501+05:302010-01-29T22:30:52.501+05:30अरे भाई लगता है की मुझसे भी आप कविता करवा के ही छो...अरे भाई लगता है की मुझसे भी आप कविता करवा के ही छोड़ेंगे ...सुंदर रचनाराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-36187039275531759942010-01-29T21:57:08.048+05:302010-01-29T21:57:08.048+05:30सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,
एक गम आता है, तो,
जब ...सुना है कि, हर ख़ुशी के बाद,<br />एक गम आता है, तो,<br />जब भी देती है, ख़ुशी दस्तक,<br />आगे को टालता हूँ मैं॥<br /><br />जीवन एक चक्र है बिल्कुल सही बात कही आपने हमें अपनी खुशियों में इस कदर नही मशगूल हो जाना चाहिए की आने वाली किसी अनहोनी का समाना न कर पाएँ....सुंदर भाव...धन्यवाद अजय भैया ..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-12720982178901285042010-01-29T21:24:48.903+05:302010-01-29T21:24:48.903+05:30एक अदम्य जिजीविषा का भाव कविता में इस भाव की अभिव्...एक अदम्य जिजीविषा का भाव कविता में इस भाव की अभिव्यक्ति हुई है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-76358940669884397192010-01-29T21:21:31.461+05:302010-01-29T21:21:31.461+05:30हर पल,
इक नया ,
वक़्त ,
तलाशता हूँ मैं॥
जो मुझ सं...हर पल,<br />इक नया ,<br />वक़्त ,<br />तलाशता हूँ मैं॥<br /><br />जो मुझ संग,<br />हँसे रोये,<br />वो बुत,<br />तराश्ता हूँ मैं॥<br /><br />मेरी फितरत ,<br />ही ऐसी है कि,<br />रोज़ नए दर्द,<br />संभालता हूँ मैं॥<br />Ek tarashi huee rachana!shamahttps://www.blogger.com/profile/15550777701990954859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-61322248627945932622010-01-29T21:03:34.759+05:302010-01-29T21:03:34.759+05:30दर्द ही दर्ददर्द ही दर्दडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-86283194810055561662010-01-29T20:18:50.976+05:302010-01-29T20:18:50.976+05:30वाह,आज तो कविता का मूड बन आया अजय भाई ।
झा जी, आ...वाह,आज तो कविता का मूड बन आया अजय भाई ।<br /> <br />झा जी, आप जैसे भी हैं, अच्छे हैं।<br />ये बात दावे से कहता सकता हूँ मैं।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com