tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post5932869501033208947..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : कहां हैं वो एनसीसी कैडेट्स, स्काउट्स ,गाईड्स ....और पंद्रह अगस्त की तैयारियां ...अजय कुमार झाअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-61295304394387216402010-08-07T12:22:54.773+05:302010-08-07T12:22:54.773+05:30पहले तो तकरीबन हर छोटे बच्चे के पास एक ड्रैस सैनिक...पहले तो तकरीबन हर छोटे बच्चे के पास एक ड्रैस सैनिक वाली होती थी। आज शायद ही कोई खरीदता हो?<br /><b>"माँ मुझको बन्दूक दिला दो<br />मैं भी सीमा पर जाऊंगा"</b><br />यह कविता भी स्कूली किताबों से बाहर हो चुकी है।<br /><br />बहुत बढिया संस्मरण, आभार<br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91307953534342990822010-08-06T22:35:21.221+05:302010-08-06T22:35:21.221+05:30मेरा स्कूल प्राइवेट था, इसलिए कभी भी एन सी सी में ...मेरा स्कूल प्राइवेट था, इसलिए कभी भी एन सी सी में भाग लेने का मौका नहीं मिला. लेकिन बहुत मन करता था परेड में भाग लेने का. वैसे १५ अगस्त को जलेबी खाने को जरुर मिलता था, और घर के बगल वाला हलवाई स्कूल के बच्चा सब को फ्री में देता था....:)Stuti Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13636096522724161754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-75705003312539972592010-08-06T20:35:33.912+05:302010-08-06T20:35:33.912+05:30बहुत ही पुरानी यादें कुरेद दी आपने. पर उस समय जो ज...बहुत ही पुरानी यादें कुरेद दी आपने. पर उस समय जो जोश और जज्बा होता था वो आज इन आटम्खियों के चलते नही दिखता.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-75224780552730645682010-08-06T17:40:34.201+05:302010-08-06T17:40:34.201+05:30जी पुरा स्कुल ही आँखों के सामने आ गया आपकी पोस्ट प...जी पुरा स्कुल ही आँखों के सामने आ गया आपकी पोस्ट पढ़ कर | पर काफी सालो से देख रही हु की अब बच्चो में खुद भी १५ अगस्त २६ जनवरी को ले कर कोई उत्साह नहीं रहता है उनके लिए तो बस छुट्टी का दिन से ज्यादा कुछ नहीं रहता | अच्छी पोस्ट |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-46908784708579217352010-08-06T16:30:17.711+05:302010-08-06T16:30:17.711+05:30अरे..हमे भी अपने बचपन के वो दिन याद आ गये .. एन सी...अरे..हमे भी अपने बचपन के वो दिन याद आ गये .. एन सी सी की परेड के ..शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-73546036432538647532010-08-06T14:53:57.810+05:302010-08-06T14:53:57.810+05:30एक बार दस बीस आतांकियो को सरे आम भुन दो गोलियो से ...एक बार दस बीस आतांकियो को सरे आम भुन दो गोलियो से फ़िर देखो कोन माई का लाल नजर ऊठा कर देखता है हिन्द की तरह, जब हमारे भडवे नेता हो तो हर कोई ललु पंजु भी आंखे दिखाता फ़िरता है, ओर हम गाये जा रहे है कि शांति शांति... ओर जब हम मजबुत होंगे तभी हम अपने दिन मजे से काट सके गे.....बहुत सूंदर लिखा अजय भाईराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-11388507580208243812010-08-06T14:50:04.173+05:302010-08-06T14:50:04.173+05:30आप बहुत अच्छा लिखते हैं, क्यों ना ब्लॉग जगत में एक...आप बहुत अच्छा लिखते हैं, क्यों ना ब्लॉग जगत में एक-दुसरे के धर्म को बुरा कहने के ऊपर कुछ लिखें. किसी को बुरा कहने का किसी को भी हक नहीं है. लोगो का दिल दुखाना सबसे पड़ा पाप है.<br /><br />मुझे क्षमा करना, मैं अपनी और अपनी तमाम मुस्लिम बिरादरी की ओर से आप से क्षमा और माफ़ी माँगता हूँ जिसने मानव जगत के सब से बड़े शैतान (राक्षस) के बहकावे में आकर आपकी सबसे बड़ी दौलत आप तक नहीं पहुँचाई उस शैतान ने पाप की जगह पापी की घृणा दिल में बैठाकर इस पूरे संसार को युद्ध का मैदान बना दिया। इस ग़लती का विचार करके ही मैंने आज क़लम उठाया है...<br /><br /><a href="http://apkiamanat.blogspot.com" rel="nofollow">आपकी अमानत</a>Armughanhttps://www.blogger.com/profile/11648365063859226065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-7789248914056564982010-08-06T12:00:41.986+05:302010-08-06T12:00:41.986+05:30बिलकुल सही बात ...डर के कारण कहाँ रौनक है आज़ादी क...बिलकुल सही बात ...डर के कारण कहाँ रौनक है आज़ादी के त्योहार में ...सार्थक चिन्ता व्यक्त की है ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-6977322866521564742010-08-06T10:55:34.043+05:302010-08-06T10:55:34.043+05:30विद्यालयीय समय में स्काउट के रूप में बिताया अपना स...विद्यालयीय समय में स्काउट के रूप में बिताया अपना समय याद आ गया. वो स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस की जिलास्तरीय परेड में भाग लेने के लिये एक महीने पहले से ही जोरदार तैयारियां ताकि हम अपने विद्यालय के एन.सी.सी के कैडेटों से जीत जायें, कैम्प फायर, हाइकिंग, तृतीय सोपान, राज्य पुरस्कार, केरल के पालघाट जिले की जम्बूरी जहां पूरे भारत के साथ देश-विदेश के स्काउट-गाइड-रोवर्स-रेंजर्स का जमावड़ा था, राष्ट्रपति पुरस्कार हेतु हुई गतिविधियों में पहली बार असफल होने के बाद दूसरी बार में राष्ट्रपति पदक प्राप्त करना.... सब याद आ रहा है....स्काउटिंग के अपने दिन बहुत ही स्वर्णिम थे.<br /><br />पता नहीं या तो हम बहुत ज्यादा भावहीन, संवेदनहीन, निरूत्साही हो गये हैं या सरकारी पक्ष, जिसके लिये पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी मात्र औपचारिकता भर रह गया है, या फिर हम दोनों....<br /><br />स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएँ...<br /><br />॥ वन्दे मातरम् ॥दिवाकर मणिhttps://www.blogger.com/profile/03148232864896422250noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58266561853427559632010-08-06T09:36:30.715+05:302010-08-06T09:36:30.715+05:30सर्वप्रथम सुदर प्रस्तुति के लिए धन्यबाद
आपने हमें ...सर्वप्रथम सुदर प्रस्तुति के लिए धन्यबाद<br />आपने हमें बचपन के दिनों की याद दिला दी जब हम १५ अगस्त के सुबह गली मोहल्ले के बच्चे मिलकर रंग बरंगी ड्रेस के साथ हाथों में तिरंगा और जोर-जोर से नारा लगते हुए प्रभात फेरी करते थे | न तो वो वक्त रहा न ही बच्चों में वो जज्वा | परन्तु तो क्या हुआ ? आप है और आपके ब्लॉग , आज प्रभात फेरी आपके ब्लॉग पर मैं अग्रिम में ही अभ्यास कर लेते है - १५ अगस्त, स्वत्नत्रता दिवस | भारत माता की जय | जय हिंद, जय भारत |Rambabuhttps://www.blogger.com/profile/14279530115954930864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-79196420861033066902010-08-06T08:56:25.851+05:302010-08-06T08:56:25.851+05:30एक तरफ़ तो महाशक्ति बनने के सपने ..दूसरी तरफ़ आजाद...एक तरफ़ तो महाशक्ति बनने के सपने ..दूसरी तरफ़ आजादी के दिन को भी ढंग से न मना पाने का मलाल सच में झुंझलाहट उत्पन्न करता है<br /><br />रोचक आभिव्यक्ति<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-71077079773984147562010-08-05T23:48:16.286+05:302010-08-05T23:48:16.286+05:30दिखते तो है पर ज़बरदस्ती के बनाये हुए ........ इन ...दिखते तो है पर ज़बरदस्ती के बनाये हुए ........ इन के दिलो का तो पता नहीं........ हाँ रंग ढंग से भी जोश नहीं दिखता ...........साफ़ पता चलता है मास्टर साहब का रौब इन सब के जोश पर काफी भारी पड़ जाता है ! <br /><br />लेकिन जो भी हो साहब कम से कम १५ अगस्त या २६ जनवरी तो मन ही जाती है !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91296513644379581702010-08-05T23:43:43.659+05:302010-08-05T23:43:43.659+05:30स्कूल याद दिला दिया आपने पूरे छ: साल गाइडस बन कर र...स्कूल याद दिला दिया आपने पूरे छ: साल गाइडस बन कर रहे है ..आज भी कभी कभी बाया हाँथ मिला लेते है , टेंट बनाना ,गांठे ,प्राथमिक चिकित्सा ,मीनार बनाना .,..<br />आराम से पूरी पोस्ट लिखूंगी <br />जयहिंदsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com