tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post4910200730690185187..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : दिल्ली ब्लोग्गर्स बैठक : संगठन और गुटबंदी का फ़र्क समझिए जनाब !अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-32208991293851819892010-05-26T23:14:38.424+05:302010-05-26T23:14:38.424+05:30बहुत अच्छी बातों पर विचार किया जा रहा है । इसे सब ...बहुत अच्छी बातों पर विचार किया जा रहा है । इसे सब मिलकर जारी रखेंगे ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-30181167058324026762010-05-26T18:02:05.684+05:302010-05-26T18:02:05.684+05:30बहुत से प्वाईंट जो बैठक में अधूरे रह गये थे या मैं...बहुत से प्वाईंट जो बैठक में अधूरे रह गये थे या मैं समझ नहीं पाया था, अब आपको पढकर समझ रहा हूं।<br />आपका बहुत-बहुत आभार<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-1668009813221706102010-05-26T17:39:13.973+05:302010-05-26T17:39:13.973+05:30सहमतसहमतAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-86930930366460104442010-05-26T16:48:23.025+05:302010-05-26T16:48:23.025+05:30कहीं कोई शंका नहीं है ही नहीं...
असल में मीटिंग म...<b><br />कहीं कोई शंका नहीं है ही नहीं...<br /><br />असल में मीटिंग में शामिल का होने पहला उद्देश्य यही था की संगठन की जरुरत क्यों,,,, ये तो अब सबको समझ आ ही गयी होगी की क्यों जरुरी है.<br /><br />दूसरी बात, मैंने मीटिंग में भी कहा था, जब आज विमर्श शुरू हुआ है तो निश्चित ही कुछ अच्छे परिणाम आयेंगे... अभी इतनी बातचीत हो रही है इसका मतलब यही है की संगठन का समग्र उद्देश्य सतह पर आ जाये...<br />संगठन तो जरुरी है.<br /><br />रही बात, संगठन न चाहने वाले, तो भी ठीक है. बाकी जो गंभीरता से चाहते है वे इस पर कार्य भी कर रहे हैं. धीरे धीरे इसकी उपयोगिता सिद्ध हो जाएगी. फिर तो सबका स्वागत करना ही है. चूँकि मामला जनहित से जुड़ा है न की पार्टी से. </b>Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-59661781081340823082010-05-26T13:54:08.379+05:302010-05-26T13:54:08.379+05:30@ पंडित डी के वत्स जी आपका सुझाव व विचार सर्वोत्तम...@ पंडित डी के वत्स जी आपका सुझाव व विचार सर्वोत्तम है और हमलोग इसी दिशा में सोच रहें हैं / आप अपने सुझाव जो आप चाहते हैं और जो होना जरूरी है ,हमें कृपा कर इ.मेल करने का कष्ट करें साथ ही अपना फोन नंबर भी हमें दे जिससे जरूरत पड़ने पर आपसे हम सम्पर्क कर सकें / सच्ची भावना और अच्छी सोच से विचार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद ,आप जैसों का सहयोग जरूरी है किसी नेक उद्देश्य के लिए /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-47911179329808899052010-05-26T13:12:13.802+05:302010-05-26T13:12:13.802+05:30मेरे विचार से यदि प्रत्येक हिन्दी ब्लागर को एक समू...मेरे विचार से यदि प्रत्येक हिन्दी ब्लागर को एक समूह से जोडकर संगठन खडा करना ही उदेश्य है तो फिर ऎसे किसी संगठन का कोई औचित्य सिद्ध नहीं होता...हाँ यदि समर्पित व्यक्तियों को लेकर किसी संगठन का निर्माण किया जाए...सदस्यता के लिए कुछ मापदंड निश्चित किए जाएं, ब्लागर की पृ्ष्ठ्भूमी को ध्यान में रखते हुए उसे सदस्यता दी जाए....एवं जिसके उदेश्य साफ एवं स्पष्ठ हो तो ही ऎसा कोई भी प्रयास सार्थक कहा जा सकता है...Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-72972614822615071562010-05-26T12:52:43.583+05:302010-05-26T12:52:43.583+05:30संगठन की बात से ख़फा एक उत्तरप्रदेश स्थित एक मशहूर...संगठन की बात से ख़फा एक उत्तरप्रदेश स्थित एक मशहूर ब्लॉगर-स्तंभलेखक से फोन पर मेरी गर्मागर्म बहस हुई थी। 10 मिनट के भीतर ही वे मेरी बातों से संतुष्ट होकर संगठन बनाने के समर्थक हो गए।<br /><br />अपनी बात यदि प्रभावी ढ़ग से रखी जाए तो निश्चित तौर पर सहमत हुआ जा सकता है<br />किन्तु यह भी याद रखना चाहिए कि भैंस और बीन की कहावत, हिन्दुस्तान में बहुत मशहूर है :-)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-29150035114002185352010-05-26T09:57:28.862+05:302010-05-26T09:57:28.862+05:30"संगठन" वाले विचार से पूर्णतः सहमत हूं… ..."संगठन" वाले विचार से पूर्णतः सहमत हूं… होना ही चाहिये <br /><br />:) क्योंकि शायद सबसे पहले मुझे ही उसकी जरुरत पड़े… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-89303968693976752952010-05-26T09:24:45.376+05:302010-05-26T09:24:45.376+05:30आपने बिलकुल सही कहा झा जी. अगर किसी संगठन के बनने ...आपने बिलकुल सही कहा झा जी. अगर किसी संगठन के बनने में केवल बुराइयाँ ही होती तो अब तक मीडिया के अन्य माध्यमो के संगठन बंद हो गए होते. लेकिन अगर ध्यान से देखा जाए, तो ऐसे संगठनो ने उन माध्यमो को ताकत देकर और भी ज़िम्मेदारी के साथ दुनिया के सामने पेश किया है. <br /><br />मेरे विचार से सभी हिंदी ब्लॉग लेखकों का एक ही संगठन होना चाहिए, उसकी शाखाएं अलग-अलग हो सकती हैं. साथ ही अधिकारियों का चयन भी पूरी तरह लोकतान्त्रिक तरीके से होना चाहिए, ताकि किसी को भी कोई शिकायत ना रहे. हालाँकि "शिकायत ना हो" ऐसा होना असंभव है, फिर भी कोशिश तो की ही जा सकती है.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-33631293758435461682010-05-26T09:18:24.865+05:302010-05-26T09:18:24.865+05:30हाथ से हाथ मिले और ताकत बढ़ जायेगी
बुराइयों से लड...हाथ से हाथ मिले और ताकत बढ़ जायेगी <br />बुराइयों से लड़ने की हिम्मत बढ़ जायेगीSANJEEV RANAhttps://www.blogger.com/profile/02649434617771451883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-54566797588463211292010-05-26T09:17:13.688+05:302010-05-26T09:17:13.688+05:30हमारे विचार से तो संगठन और गुटबाजी में यही अन्तर ह...हमारे विचार से तो संगठन और गुटबाजी में यही अन्तर होता है कि संगठन का उद्देश्य "सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय" होता है और गुटबाजी का उद्देश्य होता है निजी स्वार्थसिद्धि।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-10903156047252013122010-05-26T08:38:22.080+05:302010-05-26T08:38:22.080+05:30सहमत.सहमत.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-23404336156781380792010-05-26T08:34:10.906+05:302010-05-26T08:34:10.906+05:30बहुत अच्छी बात लिखी गई है आपके द्वारा। सन्गठन का स...बहुत अच्छी बात लिखी गई है आपके द्वारा। सन्गठन का सबसे पहले एजेन्डा या कहें बाइ लाज तैयार करने होंगे जिसमे सन्गठन का उद्देश्य स्पष्ट रूप से उल्लेखित रहेगा। और केवल स्वान्तह सुखाय की अवधारणा नही रहेगी। ज्यादा कुछ लिखना बेमानी होगी क्योंकि झा जी स्वयम एक अधिवक्ता हैं और सक्रिय हैं। प्रतिक्षा मे………।सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-55068007866268508422010-05-26T07:44:42.091+05:302010-05-26T07:44:42.091+05:30विचारणीय व सार्थक बहस को प्रेरित करती प्रस्तुती /श...विचारणीय व सार्थक बहस को प्रेरित करती प्रस्तुती /शानदार ,जानदार /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27891144753834433012010-05-26T06:51:43.326+05:302010-05-26T06:51:43.326+05:30गुटबन्दी और संगठन में फर्क तो है ज़नाब
गुटबन्दी बि...गुटबन्दी और संगठन में फर्क तो है ज़नाब <br />गुटबन्दी बिखराव की प्रारम्भिक अवस्था है तो संगठन का गठन ताकत और एकता की नींव है.<br />विमर्श की आवश्यकता है और होनी चाहिये. शंकाये जन्म ले रही हैं तो समाधान होना चाहिये (पर मुझे शंकायें कम नज़र आ रही हैं) <br />सार्थक प्रयास है निरर्थक तर्कों को तो आना ही है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-80652649290401190592010-05-26T02:31:34.876+05:302010-05-26T02:31:34.876+05:30पूर्ण विवेक से उद्देश्यों और कार्यशैली पर विमर्श ह...पूर्ण विवेक से उद्देश्यों और कार्यशैली पर विमर्श होना चाहिये ताकि एक सुदृण योजना बनाई जा सके.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-53497569965458515082010-05-26T00:57:12.678+05:302010-05-26T00:57:12.678+05:30अच्छी और सच्ची बातें पढ़ कर लगता है मुझे भी कि संगठ...अच्छी और सच्ची बातें पढ़ कर लगता है मुझे भी कि संगठन जरूरी है..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-65882158709624649652010-05-26T00:42:00.780+05:302010-05-26T00:42:00.780+05:30हमें खुद...अपने पर यकीन होना चाहिए कि हम जो कर रहे...हमें खुद...अपने पर यकीन होना चाहिए कि हम जो कर रहे हैं या करने जा रहे हैं ...वो नेक-नीयत है...सही है ...गलत नहीं है ...<br />बस...उसके बाद फिर किसी की क्या परवाह करनी?...राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-24842556441628678332010-05-26T00:34:01.584+05:302010-05-26T00:34:01.584+05:30ठीक ही तो कह रहे हैं झा साहबठीक ही तो कह रहे हैं झा साहबबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-5457684244666112262010-05-25T23:51:21.966+05:302010-05-25T23:51:21.966+05:30आप की बात से सहमत हुं|
धन्यवाद|आप की बात से सहमत हुं|<br />धन्यवाद|शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-76879034316174596832010-05-25T23:34:24.500+05:302010-05-25T23:34:24.500+05:30हम सब को इस संगठन की ताकत का तब पता चलेगा जब हमे इ...हम सब को इस संगठन की ताकत का तब पता चलेगा जब हमे इस की जरुरत पडेगी, क्योकि कई बार हम लेख ओर टिपण्णियां बहुत धार दार दे देते है जो शायद इन नेताओ, अफ़सरो, ओर जमा खोरो को अच्छी ना लगे, तो उस समय अकेला क्या करेगा, बस संगठन ही उस समय साथ देगा.<br />आप की बात से सहमत हुं.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-62752935651909401542010-05-25T23:29:15.314+05:302010-05-25T23:29:15.314+05:30इंशा अल्लाह आप सबकी कोशिश रंग लाएं। यही दुआ है।इंशा अल्लाह आप सबकी कोशिश रंग लाएं। यही दुआ है।Kumar Jaljalahttps://www.blogger.com/profile/17272554213360157887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-62420664574415709912010-05-25T23:28:39.999+05:302010-05-25T23:28:39.999+05:30आज ब्लोग्गिंग में नियमित अनियमित ब्लोग्गर्स बैठक औ...आज ब्लोग्गिंग में नियमित अनियमित ब्लोग्गर्स बैठक और कार्यशालाओं का जिस प्रकार से आकर्षण बढा है उसने ये जता दिया है कि भविष्य में ऐसे आयोजन और भी अधिक हों तो परिणाम सकारात्कम ही आएंगे । <br /><br />बिलकुल सही कहा आपने....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com