tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post3897328334560136785..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : मैं ब्लोग पोस्ट ऐसे पढता हूं .....और आप !अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-4618100305286390552009-12-21T20:58:13.429+05:302009-12-21T20:58:13.429+05:30आप ने इस लेख मै बहुत सी काम की बाते भी बता दी, बहु...आप ने इस लेख मै बहुत सी काम की बाते भी बता दी, बहुत सुंदरराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91243485574080577052009-12-21T15:42:30.137+05:302009-12-21T15:42:30.137+05:30भाई हम तो अपनी ताऊवाणी से पढते हैं सब पोस्ट. कब की...भाई हम तो अपनी ताऊवाणी से पढते हैं सब पोस्ट. कब की गारंटी नही है. मूड आगया तब पढ लिया और मूड आया तो टिपिया भी दिया.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-38207899485175062182009-12-21T10:41:01.188+05:302009-12-21T10:41:01.188+05:30अरे भाई आप तो बड़े ज्ञानी निकले।
लेकिन ये नहीं बत...अरे भाई आप तो बड़े ज्ञानी निकले।<br />लेकिन ये नहीं बताया की इतने सारे ब्लॉग कितने समय में पढ़ लेते हैं।<br />ओशो रजनीश सिर्फ पेज पलटते थे और सब कुछ पढ़ लेते थे।<br />उनका राज़ हमें आज तक समझ नहीं आया, वर्ना हम भी अपना लेते ये स्टाइल ।<br />जल्दी ही आपसे मिलना पड़ेगा।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-5590726888791284842009-12-21T09:16:56.087+05:302009-12-21T09:16:56.087+05:30ब्लॉग पढने का शानदार तरीका बताने के लिए आभार ....क...ब्लॉग पढने का शानदार तरीका बताने के लिए आभार ....काश इतना समय हो पता हमारे पास कि हम सभी ब्लोग्स को इसी तरह पढ़ पाते ...बहुत से छूट ही जाते हैं ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91550451982426810542009-12-21T09:01:32.320+05:302009-12-21T09:01:32.320+05:30"यदि कोई निरंतर ही उसी शैली में उसी बात को रख...<b>"यदि कोई निरंतर ही उसी शैली में उसी बात को रख रहा है तो एक मिनट के लिए माना भी जा सकता है मगर किसी एक पोस्ट या किसी पोस्ट की जवाबी पोस्ट से ही निर्धारण कर देना कि अमुक की मानसिकता ही ऐसी है ...कुछ अतिशयोक्ति सी लगती है।"</b><br /><br />"रुपये में बीस आने सही" बात कही है आपने अजय जी!<br /><br />लेखन पूर्वाग्रह से मुक्त और सकारात्मक सन्देश देने वाले होने चाहिये।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-89789760525500601802009-12-21T09:00:11.392+05:302009-12-21T09:00:11.392+05:30वाह इतने ब्लाग अग्रीगेटर एक साथ ? हम से तो एक ब्ला...वाह इतने ब्लाग अग्रीगेटर एक साथ ? हम से तो एक ब्लागवानी ही पूरा नहीं पढा जाता। देखते हैं कोशिश कर के धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-66320623767922992522009-12-21T08:00:04.990+05:302009-12-21T08:00:04.990+05:30बहुत अच्छा लगा पढ़कर।बहुत अच्छा लगा पढ़कर।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-129501201865272822009-12-21T05:25:58.450+05:302009-12-21T05:25:58.450+05:30कुछ आकर्षक शीर्षक ही सुझा देते तो मै आगामी पोस्टो ...कुछ आकर्षक शीर्षक ही सुझा देते तो मै आगामी पोस्टो का वही शीर्षक रख लेता.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-57392120542867289482009-12-21T03:39:12.140+05:302009-12-21T03:39:12.140+05:30झा जी, मैं तो सारे ब्लॉगपोस्ट +1.25 सिलिन्ड्रिकल 1...<i><br /><br />झा जी, मैं तो सारे ब्लॉगपोस्ट +1.25 सिलिन्ड्रिकल 108 डिग्री के चश्में से पढ़ता हूँ ।<br />अलबत्ता धर्म को समझने के प्रयास में अधर्मियों की पोस्ट भी पढ़नी है, सो वह भी पढ़ लेता हूँ !<br />टिप्पणियों को लेकर आपका पर्यवेक्षण सटीक है !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-14558764879076229322009-12-21T00:53:24.896+05:302009-12-21T00:53:24.896+05:30हम तो कोई एक ऐग्रीगेटर खोल कर उसी की सारी पोस्टे ख...हम तो कोई एक ऐग्रीगेटर खोल कर उसी की सारी पोस्टे खंगाल लेते हैं.....लेकिन अब आप की तरह हम भी कोशिश करेगें....परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15704147992992369182009-12-21T00:31:12.377+05:302009-12-21T00:31:12.377+05:30पाबला जी से निवेदन है कि वो अपने निजी एग्रीगेटर मे...पाबला जी से निवेदन है कि वो अपने निजी एग्रीगेटर में मरा नाम जोड़ ले, शायद कभी अपडेट होते डिलिट हो गया है :)<br /><br /><br />बकिया तो सबका अपना अपना स्टाईल, उपलब्ध समय और पसंद..हम तो एक उ हैं अजय झा, उनका ब्लॉग ध्यान से पढ़ता हूँ और जिनका वो बता दें.<br /><br /><br />यदि किसी के यहाँ न पहुँच पाऊँ तो झा जी को पकड़ा जाये. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-72340305746265232272009-12-21T00:29:11.710+05:302009-12-21T00:29:11.710+05:30आप कैसे भी पोस्ट पढ़ें, पढ़ना महत्वपूर्ण है। आप की...आप कैसे भी पोस्ट पढ़ें, पढ़ना महत्वपूर्ण है। आप की आज की पोस्ट की महत्वपूर्ण बात यह कि पोस्ट के विषय से नहीं भटकना चाहिए। ब्लागर को चाहिए कि वह टिप्पणियों को इस तरह से निर्धारित करे कि मूल बात गर्द में न दब जाए। टिप्पणीकार उसे इतर ले जाएँ।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-84370746639302235692009-12-21T00:18:55.071+05:302009-12-21T00:18:55.071+05:30अभी तक तो ब्लॉगर पठन सूची से पढ़ रहे थेअभी तक तो ब्लॉगर पठन सूची से पढ़ रहे थेडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-9851151577497317352009-12-20T23:52:18.131+05:302009-12-20T23:52:18.131+05:30इसका अर्थ यह है कि आप बहुत सारे पोस्टों को पढते ह...इसका अर्थ यह है कि आप बहुत सारे पोस्टों को पढते हैं .. तरीका तो मेरा भी लगभग आप जैसा ही है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-86644605515085326792009-12-20T23:44:48.496+05:302009-12-20T23:44:48.496+05:30अजय जी एक बहुत अच्छी बात कही आपने की जिस पोस्ट की ...अजय जी एक बहुत अच्छी बात कही आपने की जिस पोस्ट की शीर्षक अच्छी हो उसे ज़्यादा पाठक मिल जाते है..यह से बिल्कुल सही है हम खुद शीर्षक से ही पोस्ट ओपन करते है..आज के बाद हम और दूसरे एग्रीगेटर के पोस्टों को भी ज़रूर देखेंगे अभी तक बाद ब्लॉगवानी ही देखते रहते थे. ..बढ़िया बढ़िया बात कही आपने..अच्छा लगा..धन्यवादविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-83758233288681670442009-12-20T23:42:53.740+05:302009-12-20T23:42:53.740+05:30हम तो अपने निजी एग्रीगेटर पर इक्कठा किए ब्लॉग पढ़त...हम तो अपने निजी एग्रीगेटर पर इक्कठा किए ब्लॉग पढ़ते हैं, जिसे हर रविवार को अपडेट कर लेता हूँ<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-23886732770682608012009-12-20T23:39:56.781+05:302009-12-20T23:39:56.781+05:30अजय भाई,
आपका एक फंडा तो अपना भी है...धर्म को लेकर...अजय भाई,<br />आपका एक फंडा तो अपना भी है...धर्म को लेकर भड़ास या व्यक्तिगत तौर पर एक-दूसरे को ललकारने वाली पोस्ट को दूर से ही सलाम कह कर आगे बढ़ जाना...वैसे ये सब अब पहले से बहुत कम हो गया है...हां आजकल पुरुष और<br />नारी विमर्श के नाम पर तनातनी कुछ बढ़ती नज़र आ रही है...इसे कम करने के लिए अजय जी मेरा एक सुझाव भी है, अभी तक जो भी ब्लॉगर सम्मेलन या मुलाकातें होती रही हैं वहां आधी दुनिया की भागीदारी बहुत कम या<br />न के बराबर हो पाई है...आगे कुछ भी ऐसा कार्यक्रम बनाया जाए तो इस कमी को पेश न आने देने की कोशिश की जानी चाहिए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-21060003555316189582009-12-20T23:35:08.364+05:302009-12-20T23:35:08.364+05:30अजय भाई हम तो केवल ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत और जीमेल...अजय भाई हम तो केवल ब्लॉगवाणी और चिट्ठाजगत और जीमेल रीडर पर ही निर्भर रहते हैं। रोज हालांकि इतना समय नहीं होता कि ज्यादा पोस्टें पढ़ पायें फ़िर भी व्यस्तता के बीच कुछ अच्छे और रेग्यूलर ब्लॉगों को जरुर पढ़ता हूँ, अगर लिंक नहीं मिलती एग्रीगेटर पर तो सीधे ही वेबएड्रेस टाईप करके चेक कर लेता हूँ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58870812752689001332009-12-20T23:26:32.877+05:302009-12-20T23:26:32.877+05:30चलो...आज एक बात तो आपसे सीखने को मिली कि एक साथ ज़्...चलो...आज एक बात तो आपसे सीखने को मिली कि एक साथ ज़्यादा ऐग्रीगेटर खोलने चाहिए....राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.com