tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post2841648330500528726..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : ब्लोग्गिंग के स्वरूप को लेकर मेरी दुविधाअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91897794321580430512010-04-27T23:10:22.703+05:302010-04-27T23:10:22.703+05:30झा जी क्षमा करें
आपके ब्लॉग पर बेनामी नहीं ओपन आ...झा जी क्षमा करें <br /><br />आपके ब्लॉग पर बेनामी नहीं ओपन आई डी का आप्शन खुला है <br /><br />और नकली प्रोफाईल धारी के लिए कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय माडरेशन के <br /><br />जो मुझे पसंद नहीं <br /><br />गलती की तरफ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवादवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-68390266930913110242010-04-27T22:02:28.822+05:302010-04-27T22:02:28.822+05:30यह रोना-धोना नहीं है यह बिलकुल सही और जायज चिंतन ह...यह रोना-धोना नहीं है यह बिलकुल सही और जायज चिंतन हि ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-83423787105499346622010-04-27T14:04:36.928+05:302010-04-27T14:04:36.928+05:30सबको अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए। जब तक लोग...सबको अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए। जब तक लोग पोस्ट पर पोस्ट करने की आदत से बाज नहीं आएंगे,प्रतिक्रिया का दौर चलता रहेगा।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-12727990092193770202010-04-27T13:54:06.229+05:302010-04-27T13:54:06.229+05:30जैसा की अजित गुप्ता जी ने कहा,
अजय जी, मैं ब्लागि...<b><br />जैसा की अजित गुप्ता जी ने कहा,<br />अजय जी, मैं ब्लागिंग को सीखने का प्लेटफार्म मानती हूँ। समाज को समझने का इससे अच्छा और सस्ता प्लेटफार्म कहीं नहीं मिल सकता।<br />मैं भी ऐसा ही महसूस करता हूँ.<br /><br />आपने हाले-दिल कहा अच्छा लगा. अच्छे लोग हमेशा अच्छे लोगों से घिरे रहेंगे. इसको गुटबाजी थोड़े न कहेंगे.<br /></b><br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91419849407888670992010-04-27T11:40:37.508+05:302010-04-27T11:40:37.508+05:30कहने को तो अभासी दुनिया है, मगर मेरे विचार से किसी...कहने को तो अभासी दुनिया है, मगर मेरे विचार से किसी की 10-20 पोस्ट पढने के बाद उस ब्लागर के चरित्र और विचारधारा के बारे में हमें मालूम होने लगता है। <br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-86514813230022869212010-04-27T11:30:59.497+05:302010-04-27T11:30:59.497+05:30http://hindiblogjagat.blogspot.com/2010/04/blog-po...http://hindiblogjagat.blogspot.com/2010/04/blog-post_26.html<br /><br />झा जी!हम तो इस लिंक पर गए थे <br />देखा तो पेज ही गायब है।<br />क्या चमत्कार है भाई।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-8934329402783048472010-04-27T10:08:16.370+05:302010-04-27T10:08:16.370+05:30अजय जी, मैं ब्लागिंग को सीखने का प्लेटफार्म मानत...अजय जी, मैं ब्लागिंग को सीखने का प्लेटफार्म मानती हूँ। समाज को समझने का इससे अच्छा और सस्ता प्लेटफार्म कहीं नहीं मिल सकता। मैं लेखक और वक्ता दोनों ही हूँ तो प्रतिदिन कुछ नवीन सोच से रूबरू होना चाहती हूँ जिससे विश्लेषण करके समाज को लौटा सकूं। इसलिए लेखक को तो उद्विग्न होने का हक ही नहीं है। उसे तो केवल समाज का अध्ययन करना है और वापस समाज को लौटा देना है। जिससे बेहतर समाज बन सके। लेकिन ब्लोगिंग में सभी तो लेखक नहीं है, इसलिए सारी कठिनाइयां आ जाती हैं। लेखक भी हैं तो समाज को देने से अधिक स्वयं को पाने की लालसा से जकड़े हैं। इसलिए शीघ्र प्रसिद्धि मिले यही प्रयास रहता है। इसकारण ऐसा लिखो जिससे हम प्रसिद्ध हो जाए। मेरा तो यही मानना है, इसलिए मैं निरपेक्ष भाव से केवल अध्ययन करती हूँ।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-364804839255880022010-04-27T09:58:42.377+05:302010-04-27T09:58:42.377+05:30"सिर्फ़ चंद लोग मिलकर पूरे ब्लोग जगत का माहौल ...<b>"सिर्फ़ चंद लोग मिलकर पूरे ब्लोग जगत का माहौल बिगाड सकने की क्षमता रखते हैं ..."</b><br /><br /><br />यह उन चंद लोगों के महारत कारण नहीं बल्कि हमारी अपनी कमजोरी के कारण है, हम लोग ही जाने-अनजाने उन्हें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बढ़ावा देते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-35843981240714822462010-04-27T09:45:52.254+05:302010-04-27T09:45:52.254+05:30.
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@ आदरणीय संगीता पुरी जी,
अच्छा तो आप यहाँ है....<br />.<br />.<br />@ आदरणीय संगीता पुरी जी,<br />अच्छा तो आप यहाँ हैं और आपके ब्लॉग पर मेरी दो टिप्पणियाँ अभी तक माडरेशन का इंतजार कर रही हैं।प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-64812403170938008582010-04-27T09:37:38.336+05:302010-04-27T09:37:38.336+05:30.
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आदरणीय अजय कुमार झा जी,
ब्लॉगिंग के स्वरूप ....<br />.<br />.<br />आदरणीय अजय कुमार झा जी,<br /><br />ब्लॉगिंग के स्वरूप को लेकर यह दुविधा कुछ न कुछ हद तक हम सभी को है... भिन्न विचारों के प्रति सहिष्णुता धारण करने पर ही यह दुविधा हटेगी... मैं अक्सर अपने दोस्तों से कहता हूँ कि दुनिया को अपने तरीके से चलाने का इरादा छोड़ दो... क्योंकि दुनिया का हर आदमी दुनिया को अपने ही तरीके से चलाना चाहता है... और हरेक का अपना ही नजरिया भी है... इसी लिये इतनी रोचक-उबाऊ, खूबसूरत-बदसूरत, न्यायपूर्ण-अन्यायपूर्ण, वीभत्स-सुन्दर, विद्रूप भरी-तार्किक, ईशप्रेमी-द्रोही और भी न जाने क्या क्या लगती है यह हम सभी को... यही है हमारी दुनिया, ऐसी ही रहेगी, हम से ही बनती है...<br /><br />ब्लॉगिंग में भी इसी दुनिया का अक्स देखने को मिलता है...<br /><br />मैं तो फिर-फिर यही कहूँगा कि:-<br /><br /><b>Let thousand flowers bloom... Let each and everyone's opinion count and matter... Let us create a virtual platform for sharing of views, experiences & thoughts where everybody feels wanted & everybody is welcomed with an open arms, generous heart & an unbiased mind...<br /><br />Ameen!</b>प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-78926461026219417532010-04-27T07:16:54.153+05:302010-04-27T07:16:54.153+05:30वीनस जी ,
ठीक से देखिए , आपसे किसने कह दिया कि बे...वीनस जी , <br />ठीक से देखिए , आपसे किसने कह दिया कि बेनामी आईडी का औप्शन खुला हुआ है , और कौन सी बेनामी टिप्पणी दिख रही है आपको ये भी बताईये । यदि आपका आश्य उन लोगों से है जो नकली प्रोफ़ाईलधारी हैं तो उनके लिए क्या किया जा सकता है बताएं ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-84338826042033069322010-04-27T00:32:29.551+05:302010-04-27T00:32:29.551+05:30बहुत सार्थक पोस्ट लिखी आपने. शुभकामनाएं.
रामरामबहुत सार्थक पोस्ट लिखी आपने. शुभकामनाएं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-67558049794742696642010-04-27T00:32:01.221+05:302010-04-27T00:32:01.221+05:30बस अजय भाई, हम तो इसमें ही खुश है कि आपका नाम हो र...बस अजय भाई, हम तो इसमें ही खुश है कि आपका नाम हो रहा है !!<br />बताये एक पूरी की पूरी पोस्ट आपके ही नाम पर ! क्या कहने आप के !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-46764362061851509432010-04-27T00:16:21.856+05:302010-04-27T00:16:21.856+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.वीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-73549634178588205222010-04-27T00:14:39.283+05:302010-04-27T00:14:39.283+05:30अजय जी
कमेन्ट तो मै कुछ और ही करने जा रहा था मगर...अजय जी <br /><br />कमेन्ट तो मै कुछ और ही करने जा रहा था मगर अब आपसे एक बात पूछनी है <br /><br />आप जानते है कि बेनामी या ओपन आई डी भी कई विवादों को जन्म देती है <br /><br />फिर भी आपके ब्लॉग पर ओपन आई डी खुली हुई है <br /><br />ऐसा क्यों और आप इस विषय में क्या सोचते हैंवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-6840094004940955732010-04-26T23:54:23.157+05:302010-04-26T23:54:23.157+05:30शुक्रिया शिवम भाई अभी देखा मैंने जब आपने बताया , द...शुक्रिया शिवम भाई अभी देखा मैंने जब आपने बताया , दुश्मन तो नहीं ही है जो भी है और पुराना भी है ही । वर्ना नाचीज़ को कोई नया मित्र इतनी तवज्जो क्यों देगा कि पूरी पोस्ट ही नाम लेकर लिखनी पड जाए । आखिर ब्लोगस्पौट को ऐग्रीगेटर बनाने और बनाए रखने की भी कोई मजबूरी होगी तो चलायमान करने के लिए तो करना ही पडता होगा न । वहां अपनी बात कह आया हूं ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58425083978764774092010-04-26T23:34:38.509+05:302010-04-26T23:34:38.509+05:30कोई पुराना दोस्त है क्या ?कोई पुराना दोस्त है क्या ?शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-22793308350480421822010-04-26T23:33:59.808+05:302010-04-26T23:33:59.808+05:30अजय भाई, यह भी देख लेना :- http://hindiblogjagat....अजय भाई, यह भी देख लेना :- http://hindiblogjagat.blogspot.com/2010/04/blog-post_26.html<br /><br />आपको ही लिखा गया है !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-85086661633776092362010-04-26T23:19:31.542+05:302010-04-26T23:19:31.542+05:30पता नहीं..मुझे नहीं लगता इतना परेशान होने की जरूरत...पता नहीं..मुझे नहीं लगता इतना परेशान होने की जरूरत है...अपने मन की पोस्ट लिखिए , सृजनात्मक लेखन कीजिये. इन झगड़ों में पड़ने की जरूरत ही क्या है. जहाँ कोई बात बुरी लगे विरोध कीजिये और फिर अपने काम में लग जाइए. मुझे लगता है जिन लोगों के पास कुछ लिखने को नहीं होता,और येन केन प्रकारेण lime light में रहना चाहते हैं, वे ही विवादास्पद पोस्ट लिखते हैं, गुटबाजी करते हैं,एक दूसरे को भड़काते हैं.( अब ये लोग कौन हैं..ये मुझे नहीं पता...पर आपने जिक्र किया है और परेशान हैं...तो उनका अस्तित्व तो होगा ही )rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-43382987760392164832010-04-26T23:02:33.548+05:302010-04-26T23:02:33.548+05:30"है बात कुछ कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों..."है बात कुछ कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,<br />सदियों रहा है दुश्मन आहेलेजहाँ हमारा !!"<br /><br /><br />अजय भाई, यह सब तो चलता रहेगा आप बस लगे रहो ! बाकी मैं बहुत नया हूँ यहाँ........ क्या कहू ?शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-56123565261989343502010-04-26T22:53:45.110+05:302010-04-26T22:53:45.110+05:30ब्लॉगिंग में एक पूरा समाज है .. हर तरह के लोगों क...ब्लॉगिंग में एक पूरा समाज है .. हर तरह के लोगों का होना स्वाभाविक है .. विचारों में विभिन्नता तो होनी ही है .. लोग अपनी अपनी रूचि के विषयों को स्वयमेय चुन लेते हैं .. हिंदी ब्लॉगिंग में कुछ विरोधियों के बने होने के बावजूद मेरा अनुभव तो अच्छा है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-87440637511331973282010-04-26T22:08:09.754+05:302010-04-26T22:08:09.754+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-10250188673823391942010-04-26T22:08:00.325+05:302010-04-26T22:08:00.325+05:30हम सब जहाज के पंछी हैं अजय जी
जब कोई कहता है कि ...हम सब जहाज के पंछी हैं अजय जी <br /><br />जब कोई कहता है कि हिंदी ब्लोग्गिंग में जाने कितना कचरा भरा पडा हुआ है तो उसे बंदर और अदरक का संबंध बताईए<br /><br />बाकी सब तो मनीषियों ने कह ही दिया हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-69122997208236681702010-04-26T21:59:57.339+05:302010-04-26T21:59:57.339+05:30Mai in sab halaton se vabasta nahi hun..haan,ek sa...Mai in sab halaton se vabasta nahi hun..haan,ek samay tha jab, blogging ke karan mujhe behad takleef uthani padi thi....aaj uski or jeevan shikshaki nazarse dekhti hun..mere jaise ate jate rahenge,blogging jari rahegi..(maine comment bhi roman me diya hai..!)kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-16355751129866007212010-04-26T21:56:00.506+05:302010-04-26T21:56:00.506+05:30वस्तुत: ब्लागिंग समाज का दर्पण है. इसका चरित्र भी ...वस्तुत: ब्लागिंग समाज का दर्पण है. इसका चरित्र भी हमारे समाज की ही तरह है. कभी क्षोभ तो कभी आत्मीय सम्बन्धों पूर्णतया आत्मसात कर लेने की तमन्ना. दुर्भावनाएँ भी और आत्मीयता इतनी कि ---. <br />स्वरूप का परिमार्जन तो सम्भव है पर पूर्णतया बदल सकने के लिये तो समाज को ही बदलना होगा. <br />नकारात्मक है तो सकारात्मक सोच की भी तो कमी नहीं है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com