tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post1072623763492436916..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : एक चिट्ठी मां के नाम ....जिसे अब वो कभी भी न पढ पाएगीअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-38287618025969519742013-10-03T20:34:22.609+05:302013-10-03T20:34:22.609+05:30Dil ko choo gaee ye post, man bin ghar ghar kahan?...Dil ko choo gaee ye post, man bin ghar ghar kahan?Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-84118979229701739742013-10-03T18:34:26.439+05:302013-10-03T18:34:26.439+05:30अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्व...अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्वच्छ ....पारदर्शी ...जैसे पूरा दिल पलट कर रख दिया हो ...छू गया आपका आलेख ....उसकी सच्चाई Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-2378458354567226392013-10-03T18:34:23.937+05:302013-10-03T18:34:23.937+05:30अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्व...अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्वच्छ ....पारदर्शी ...जैसे पूरा दिल पलट कर रख दिया हो ...छू गया आपका आलेख ....उसकी सच्चाई Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-2175658977472088642013-10-03T18:34:08.408+05:302013-10-03T18:34:08.408+05:30अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्व...अजयजी ....हर शब्द सच्चा ....हर भावना निर्मल ...स्वच्छ ....पारदर्शी ...जैसे पूरा दिल पलट कर रख दिया हो ...छू गया आपका आलेख ....उसकी सच्चाई Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58266510220644729722013-10-03T16:33:08.361+05:302013-10-03T16:33:08.361+05:30अत्यंत मंर्मिक पोस्ट हर माँ को शत शत नमन ...अत्यंत मंर्मिक पोस्ट हर माँ को शत शत नमन ...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-36179334905401330652010-06-05T01:04:18.512+05:302010-06-05T01:04:18.512+05:30रुला देते हो याररुला देते हो यारशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-1046293919626431602010-05-19T00:44:22.270+05:302010-05-19T00:44:22.270+05:30अजय मेरे भाई, तुमने इससे बढिया जीवन मे कु\छ भी नही...अजय मेरे भाई, तुमने इससे बढिया जीवन मे कु\छ भी नही लिखा होगा. मा शब्द अपने आप मे एक पूर्ण छद है एक कविता है एक महाकाव्य है. आपकी मा को यादकर मै भी अपनी मा को प्रणाम करता हू और आपका इस स्वर्णिम और पवित्रतम पोस्ट के लिये आभार प्रकट करता हू.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-76599562717673623562010-05-18T20:45:26.512+05:302010-05-18T20:45:26.512+05:30बहुत ही संवेदनशील।
भावुक कर दिया आपनेबहुत ही संवेदनशील।<br />भावुक कर दिया आपनेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-21089848417311022222010-05-18T01:12:40.002+05:302010-05-18T01:12:40.002+05:30एक बेहतरीन पोस्ट अजय जी ये बुढ़ापा अवस्था ही ऐसी है...एक बेहतरीन पोस्ट अजय जी ये बुढ़ापा अवस्था ही ऐसी है जहां कोई यत्न अकेलेपन को नहीं खत्म कर पाता। यूँ तो मां कभी भूलती नहीं पर इस पोस्ट को पढ़ते हुए हम भी अपनी मां से दो चार बातें कर आये अपने ख्यालों मेंAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15912601646887611262010-05-17T23:29:54.992+05:302010-05-17T23:29:54.992+05:30माँ की याद तो कभी भी यूं ही चली आती है! मेरा मानना...माँ की याद तो कभी भी यूं ही चली आती है! मेरा मानना है की उस समय माँ भी हमी को याद करती होगी!आपकी चिट्ठी माँ के पास पहुँच गयी है ऐसा मेरा यकीन है! और देखिये जवाब भी आता ही होगा,...अपने तरीके से!pallavi trivedihttps://www.blogger.com/profile/13303235514780334791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-78346102583650279552010-05-17T16:23:30.366+05:302010-05-17T16:23:30.366+05:30.....बहुत ही संवेदनशील पोस्ट.....बहुत ही संवेदनशील पोस्टसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-87343045827745955462010-05-17T14:04:51.752+05:302010-05-17T14:04:51.752+05:30बेहद संवेदनशील...भावुक कर देने वाली सामयिक पोस्ट.....बेहद संवेदनशील...भावुक कर देने वाली सामयिक पोस्ट....<br />कुछ वक्त पहले एक कविता लिखी थी मां गूंत रही है कविता...शीर्षक से....लगभग यही भावना थी....<br />महफूज़ भाई की तरह मैं भी रोया पढ़ते पढ़ते....<br />मेरी मां लखनऊ में हैं घर पर...बहुत मिस करता हूं...<br /><br />@जलजला जी....आप जैसे भी जलजले हों...इससे कोई फर्क नहीं पड़ता...पर लगता है वाकई आपका दिमाग चल गया है...एक तो बेहूदी प्रतियोगिता की बात करते हैं....महिलाओं के नाम पर और फिर मां जैसी संवेदशील पोस्ट पर अपना वाहियात प्रचार अभियान मूर्खता पूर्ण तरीके से छेड़ देते हैं....क्या वाकई आपको इस पोस्ट की संवेदनशीलता का अंदाज़ा नहीं है....मयंकhttps://www.blogger.com/profile/10753520280499089073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-11941520580787779702010-05-17T11:46:20.611+05:302010-05-17T11:46:20.611+05:30Aapne rula,rula diya..Aapne rula,rula diya..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27953259688532772642010-05-17T09:38:15.430+05:302010-05-17T09:38:15.430+05:30बहुत ही भावुक लिखा आपने. आंखे नम हैं.
रामराम.बहुत ही भावुक लिखा आपने. आंखे नम हैं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-4459664920912322242010-05-17T09:33:44.205+05:302010-05-17T09:33:44.205+05:30एक शेर याद आ रहा है;
दर्द कुछ ऐसे भी होते है कि जो...एक शेर याद आ रहा है;<br />दर्द कुछ ऐसे भी होते है कि जो फटते नहीं <br />फासले गर बढ़ने लगे तो फिर घटते नहीं !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-12290093010960146092010-05-17T09:10:51.429+05:302010-05-17T09:10:51.429+05:30मन को भावनात्मक रूप से झकझोरती पोस्ट / अच्छा लगा आ...मन को भावनात्मक रूप से झकझोरती पोस्ट / अच्छा लगा आपकी सच्ची भावना को पढ़कर /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-74905286874770565642010-05-17T07:42:13.676+05:302010-05-17T07:42:13.676+05:30माँ की याद जब भी आती है ... ऐसे ही न जाने कितने ख़य...माँ की याद जब भी आती है ... ऐसे ही न जाने कितने ख़याल अपने आप चले आते हैं ...... वैसे एक बात मैं मानता हूँ.. .... माँ जहां भी है .... हमारी हर बात सुन रही है ... उस का हाथ हमेशा हमारे सर पर है.अमिताभ मीतhttps://www.blogger.com/profile/06968972033134794094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-62888632211066620782010-05-17T05:41:52.898+05:302010-05-17T05:41:52.898+05:30आँख भर आई. पिता जी को यहाँ लाया था. नहीं रुके, चार...आँख भर आई. पिता जी को यहाँ लाया था. नहीं रुके, चार महिने में वापस अपनी जड़ के पास. माँ क्या चली गई, सब खत्म सा हुआ.<br /><br />मित्र, निश्चित मानो माँ कहीं आस पास से ही हमें देख रही है. मैं महसूस करता हूँ हमेशा. वो तुम्हारा प्यारा पत्र भी पढ़ रही होगी और आज तुम पर गर्व भी कर रही होगी.<br /><br />हमेशा महसूस करोगे उसे अपने आस पास.<br /><br />बस, बाबू जी की जितनी सेवा कर पाओ, हमेशा कम ही रहेगी, यही मान कर करते जाना.<br /><br />भावुक हो गया मैं पढ़ते पढ़ते.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-34760439754017533942010-05-17T04:37:21.969+05:302010-05-17T04:37:21.969+05:30बहुत संवेदनशील चिट्ठी - मेरी अपनी माँ याद आ गयी. (...बहुत संवेदनशील चिट्ठी - मेरी अपनी माँ याद आ गयी. (माँ किसी की भी हो क्या फर्क पड़ता है)M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-22314542577873615662010-05-17T01:02:26.591+05:302010-05-17T01:02:26.591+05:30कल मेरे पिता जी की बरसी थी, लेकिन हम यहां इसे सही ...कल मेरे पिता जी की बरसी थी, लेकिन हम यहां इसे सही रुप मै मना भी नही सकते, कहां पंडित जी को ढुढे जब कि यहा है ही नही, फ़िर बहुत से रस्मो रिवाज<br /> बस आंखे बन्द कर के भगवान से मन ही मन उन के लिये शांति का दान मांग लिया, ओर आज आप की यह पोस्ट पढी तो मन भारी हो गया, लेकिन मुझे यकीन है आप की यह चिट्टी मां ने जरुर सुन ली होगी, ओर कही दुर बेठी तुम्हे आशिर्वाद दे रही होगी, बाबू जी का ध्यान रख रहे है यह भी बहुत बडी पुजा है, ओर यह भी किसी किसी को ही सोभागया मिलता है, कुछ नालायक आंखो के होते अंधे होते है, तो कुछ मजबुरी मै.. आज आप के संग मै भी बहुत.......राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-30490315003564056662010-05-17T00:39:06.869+05:302010-05-17T00:39:06.869+05:30माँ के नाम यह सन्देश उन तक पहुँच ही गया है..वह तो ...माँ के नाम यह सन्देश उन तक पहुँच ही गया है..वह तो आप को हमेशा जहाँ भी है वहां से देखती ही रहती होंगी.<br />और आप जिस तरह से बाबूजी की सेवा कररहे हैं ,जानकर खुश भी होती होंगी.<br />--अब मुस्कुरा दिजीये.माँ हमेशा अपने बच्चों के आसपास ही रहती है.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27275436059053279532010-05-17T00:28:00.220+05:302010-05-17T00:28:00.220+05:30जो बीत चुका है उसकी याद हमेशा आती है।
उसका स्नेह द...जो बीत चुका है उसकी याद हमेशा आती है।<br />उसका स्नेह दुलार डांट फ़टकार प्यार सब<br /><br />माँ को याद कर <br />चलिए मन हल्का हो गया।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90694636039835997242010-05-16T23:59:33.425+05:302010-05-16T23:59:33.425+05:30maa toh hai maa
maa toh hai maa
maa jaisi
duni...maa toh hai maa <br />maa toh hai maa <br /><br />maa jaisi <br />duniya me hai koi kahan ?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15553587560947613672010-05-16T23:55:22.747+05:302010-05-16T23:55:22.747+05:30आपने रुला दिया...आपने रुला दिया...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-40215393375757643262010-05-16T23:55:07.883+05:302010-05-16T23:55:07.883+05:30चिट्ठी ना कोई सन्देश .......... जाने वह कौन सा देश...चिट्ठी ना कोई सन्देश .......... जाने वह कौन सा देश जहाँ तुम चले गए !!<br /><br />वन्दे मातरम !!शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com