tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post7655724015458960115..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : ग्राम प्रवास में मिली दो युवतियां और अगले ब्लोगर बैठक की सूचना (ग्राम प्रवास -अंतिम )अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-64738874591520144332010-11-16T14:09:36.266+05:302010-11-16T14:09:36.266+05:30आपके इस फंडे का झंडा सदा ऊंचा ही रहे |आपके इस फंडे का झंडा सदा ऊंचा ही रहे |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-85757228603731599832010-01-05T21:19:36.124+05:302010-01-05T21:19:36.124+05:30अच्छी पहल है जी। उन दोनो लड़कियों को शाबासी देकर आ...अच्छी पहल है जी। उन दोनो लड़कियों को शाबासी देकर आपने भला काम किया। खुशहाल बालिका भविष्य देश का। ब्लॉगर मिलन भी बहुत अच्छा है। शुभकामनाएं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-16563122818825778862010-01-05T19:34:42.879+05:302010-01-05T19:34:42.879+05:30आज की युवा पीढ़ी तो बदल रही है। बस कुछ रूढ़िवादी ल...आज की युवा पीढ़ी तो बदल रही है। बस कुछ रूढ़िवादी लोग इस बदलाव से डर रहे हैं। <br />अच्छा लगा बिहार की तरक्की के बारे में जानकार। <br />ब्लोगर बैठक के लिए शुभकामनायें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27004961972267360202010-01-05T15:34:35.276+05:302010-01-05T15:34:35.276+05:30अजय जी ! आपकी उन २ युवतियों ने तो हमें भी प्रभावित...अजय जी ! आपकी उन २ युवतियों ने तो हमें भी प्रभावित कर लिया ..और आपकी ब्लॉग मीटिंग का फंदा भी जबरदस्त है वाकई होना सिर्फ यही चाहिए ...न विवाद न झंडा बस प्यार बाँटने का फंडा.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-18355604563147178092010-01-05T12:19:44.693+05:302010-01-05T12:19:44.693+05:30बेहतरीन प्रस्तुति.बेहतरीन प्रस्तुति.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-19765656827207480842010-01-05T11:31:58.758+05:302010-01-05T11:31:58.758+05:30आज छोटी छोटी जगहों से निकलकर लड़कियाँ महानगरों में...आज छोटी छोटी जगहों से निकलकर लड़कियाँ महानगरों में अपनी जगह बना रही हैं इसमें बिहार किसी से पीछे नहीं है बल्कि आगे ही है. जैसाकि आपने लिखा रूढ़िवादिता ही रोक लगाती है इनके विकास में .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-65239803820530065182010-01-05T09:52:55.433+05:302010-01-05T09:52:55.433+05:30बहुत ही प्रेरक प्रसंग.
रामराम.बहुत ही प्रेरक प्रसंग.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-67755946482690335882010-01-05T07:59:40.353+05:302010-01-05T07:59:40.353+05:30एक प्रेरक, प्रभावशाली आलेख।एक प्रेरक, प्रभावशाली आलेख।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-82644117561570103042010-01-05T06:44:11.538+05:302010-01-05T06:44:11.538+05:30वाकई प्रभावित करने लायक बालिकायें...होती है ऐसी मु...वाकई प्रभावित करने लायक बालिकायें...होती है ऐसी मुलाकाते भी...<br /><br /><br />अच्छा लगा...आगे ब्लॉग बैठकी के आयोजन के खबर का इन्तजार.<br /><br /><br /><b>’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’</b><br /><br />-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.<br /><br />नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'<br /><br /><b>कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.</b><br /><br />-सादर, <br />समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90984817823765119442010-01-05T00:39:40.308+05:302010-01-05T00:39:40.308+05:30वाह जी वाह.. एक पूजा तो दूसरी अर्चना.. :D
चलिये ...वाह जी वाह.. एक पूजा तो दूसरी अर्चना.. :D <br /><br />चलिये मजाक छोड़ कर कुछ बताते हैं.. मेरी बहन, जो कि मेरी सबसे अच्छी मित्र भी है(स्नेहा) वो तो ना जाने कब से दिल्ली-पटना और जयपुर-पटना अकेले ही एक किये चल रही है.. हां जब भी वो यात्रा करती है तो उसके बाद मुझसे डांट जरूर खाती है कि तुम रास्ते में बस अपने काम से काम रखो और अनजान लोगों से ज्यादा बात मत करो.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-4159451568956097542010-01-05T00:01:23.695+05:302010-01-05T00:01:23.695+05:30प्रसाद जी कभी कभी पोस्ट के विषय में भी कुछ लिख दिय...<i>प्रसाद जी कभी कभी पोस्ट के विषय में भी कुछ लिख दिया करें तो बच्चे का मार्गदर्शन हो जाएगा , अब क्या करें ब्लोग्गिंग में , प्रधान मंत्री बनना, या यमुना साफ़ करना, या कोपेनहेगन समझौता कर लेना, या कोई क्रिकेट मैच करवाने की फ़ैसिलिटी अभी शुरू नहीं हुई है , जैसे ही होगी , ये सब छोड के उन पर ध्यान दिया जाएगा </i>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-28373928280861641882010-01-05T00:00:06.376+05:302010-01-05T00:00:06.376+05:30अविनाश जी की बात से सहमत हूँ। अभी हिन्दी ब्लागीरी ...अविनाश जी की बात से सहमत हूँ। अभी हिन्दी ब्लागीरी को संवाद की जरूत है। <br />दोनों लड़कियों का उल्लेख कर आप ने बहुत अच्छा किया। आजकल लड़कियाँ लड़कों से मुकाबला ही नहीं कर रही हैं अपितु उन से आगे जा रही हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-80903278989488460082010-01-04T23:56:49.608+05:302010-01-04T23:56:49.608+05:30अजय जी, बहुत सुंदर लगी आप की आज की पोस्ट, ओर आप का...अजय जी, बहुत सुंदर लगी आप की आज की पोस्ट, ओर आप का अर्चणा बिटिया से मिलना ओर उस के ख्याल, अगर सभी लोग आप ओर अर्चणा की तरह सोचे तो बिहार क्या पुरा भारत ही बदल जाये.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-81855947740295355712010-01-04T23:54:24.174+05:302010-01-04T23:54:24.174+05:30गांव की यात्रा समाप्त... अब शहर की यात्रा शुरू... ...गांव की यात्रा समाप्त... अब शहर की यात्रा शुरू... ब्लाग लेखन, ब्लागर मीट यही कुछ चलता रहेगा और हां दोहाकार चर्चा भी:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-44983824259434491262010-01-04T23:48:13.165+05:302010-01-04T23:48:13.165+05:30जी अविनाश भाई आपकी सारी बातें सर माथे पर तभी तो म...<i>जी अविनाश भाई आपकी सारी बातें सर माथे पर तभी तो मैंने कहा है कि कम से कम एक तारीख तो फ़िलहाल नोट कर ही ली जाए ...इसके अलावा दूसरी तो कभी भी , जब भी आप कहें तय कर लेंगे और हमने कौन सा टरेन पकडनी है , जल्द ही इससे पहले वाले की घोषणा कर देंगे , और बैठक हो या बैठकी , अपन तो तैयार हैं ही </i>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-80299954750926042062010-01-04T23:34:39.846+05:302010-01-04T23:34:39.846+05:30और ब्लॉग बैठकी क्यों बैठक क्यों नहीं
सिर्फ संवा...और ब्लॉग बैठकी क्यों बैठक क्यों नहीं<br />सिर्फ संवाद कायम करें<br />विवाद नहीं<br />संवाद की जरूरत है ब्लॉगिंग को<br />विवाद की नहीं।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49925287776441735492010-01-04T23:33:27.856+05:302010-01-04T23:33:27.856+05:30नो एजेंडा नो झंडा .........बस प्यार बांटना है अपना...नो एजेंडा नो झंडा .........बस प्यार बांटना है अपना फ़ंडा ॥<br /><br />अजय जी की इस सूक्ति को ब्लॉगिंग का आदर्श वाक्य बना लिया जाये, मैं संस्तुति करता हूं और इसी राह पर चल रहा हूं। वैसे शायद हम लोग इससे पहले भी मिलें क्योंकि 11 जनवरी को कविता वाचक्नवी जी का दिल्ली में आगमन हो रहा है और हमारा मन तो अभी से प्रसन्न हो रहा है कि कविता जी से मुलाकात और हम जो कविता लिखते हैं उसमें और इनमें कितना सामंजस्य होगा।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-88356442289553498362010-01-04T23:01:37.742+05:302010-01-04T23:01:37.742+05:30अनुकरणीय ..काश आप जैसे और लोग भी हों ......यह समाज...अनुकरणीय ..काश आप जैसे और लोग भी हों ......यह समाज जन्नत बन जाय !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com