tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post6917957417489194326..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : बचपन कभी लौट के नहीं आता....कुछ यादें , कुछ बातेंअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-25194418315280510032020-02-13T21:27:40.204+05:302020-02-13T21:27:40.204+05:30सच मे बचपन लॉट आये तो बहुत है मजा आएगासच मे बचपन लॉट आये तो बहुत है मजा आएगाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/17507737288448890166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-24205899081230993772011-12-18T14:26:19.030+05:302011-12-18T14:26:19.030+05:30सुन्दर स्मृतियाँ...... सादर बधाई.....
पढ़ें बचपन के...सुन्दर स्मृतियाँ...... सादर बधाई.....<br />पढ़ें <a href="http://smhabib1408.blogspot.com/2011/11/blog-post_12.html" rel="nofollow">बचपन के छंद</a>S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-35875326254436182242011-07-21T22:29:35.734+05:302011-07-21T22:29:35.734+05:30एक उम्र वालों का बचपन भी एक खास तरह से बीतता है ।एक उम्र वालों का बचपन भी एक खास तरह से बीतता है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-11853294210377552682011-07-01T15:04:27.618+05:302011-07-01T15:04:27.618+05:30मजा आ गया संस्मरण पढ़कर...कमाल है.मजा आ गया संस्मरण पढ़कर...कमाल है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-33686698561885018302011-06-30T21:58:58.912+05:302011-06-30T21:58:58.912+05:30बहुत कमाल के रोंदू थे भाई आप ! जेतना बचपने मा रोय...बहुत कमाल के रोंदू थे भाई आप ! जेतना बचपने मा रोये हैं,ऊका एक-एक का बदला भरी जवानी मा ले रहे हैं हमरी सरकार से !झाजी आप बहुतै लकी हैं कि आपका बचपन राजा-महाराजा और नवाबों की राजधानी लखनऊ में बीता!प्राचीन भारत की जितनी झलक लखनऊ के माहौल में रची-बसी है,किसी गाँव या सल्तनत में नय होगी !<br />आपने बचपन की मस्ती को बहुत सहज और विस्तार से उकेर के धर दिया है.ई संस्मरण कई बड़ी पोस्टों पर भारी है !अब तो आप भी हमारे अवध के इलाके के हो,अब भजार के साथ-साथ लहुरवा भाई भी हो !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-26155621675456122422011-06-30T21:56:48.483+05:302011-06-30T21:56:48.483+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27455790622092109122011-06-30T11:53:21.242+05:302011-06-30T11:53:21.242+05:30oh behad khubsoorat bachpan ke din the ..... aapki...oh behad khubsoorat bachpan ke din the ..... aapki baaton ko sunte huye main bhi apne bachpan me ja pahunchi.. kamovesh aisa hi hua akrta tha apna bachpan bhi. aur wo 2 mahine ki garmi ki chuttiyan ... bilkul waisa hi hum bhi aish akrte the.... ise aage aur likhiye..... padhkar bada sukoon sa lag raha hai...वन्दना महतो ! (Bandana Mahto)https://www.blogger.com/profile/16009745507164533185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-82375381747945005242011-06-30T08:45:59.168+05:302011-06-30T08:45:59.168+05:30ओह कितने दिनों बाद इतनी खूबसूरत पोस्ट पढ़ने को मिल...ओह कितने दिनों बाद इतनी खूबसूरत पोस्ट पढ़ने को मिली...भैया काश मैं भी आपके जितना खूबसूरत लिख पाता..<br />ब्लॉग में बचपन पर इतनी खूबसूरत पोस्ट मैंने नहीं पढ़ी...बहुत लंबा था, लेकिन बस एक ही रिक्वेस्ट रहेगा आपको, इससे भी लंबा एक और पोस्ट की मांग है हमारी :) :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-47447080173588236242011-06-29T23:58:21.176+05:302011-06-29T23:58:21.176+05:30बहुत अच्छा वर्णन करते हो यार ....
क्या क्या याद दि...बहुत अच्छा वर्णन करते हो यार ....<br />क्या क्या याद दिला दिया !<br />शुभकामनायें !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-33992156506392564432011-06-29T22:31:27.467+05:302011-06-29T22:31:27.467+05:30Aapne apnee yadon ka pitara khola to hamaree yadon...Aapne apnee yadon ka pitara khola to hamaree yadon ka pitara bhee saath,saath khulta gaya...bahut sundar sansmaran!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-60333542976294998852011-06-29T22:08:34.108+05:302011-06-29T22:08:34.108+05:30आप ने लखनऊ की इतनी सुंदर तस्वीर खींची है कि अब लखन...आप ने लखनऊ की इतनी सुंदर तस्वीर खींची है कि अब लखनऊ देखना हमारे नये साल के ऐजेंडा में शामिल हो गया है।Anita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90402702857503418462011-06-29T22:05:06.258+05:302011-06-29T22:05:06.258+05:30वाह जी आप ने तो हमे भी लोटा दिना उन दिनो की याद मे...वाह जी आप ने तो हमे भी लोटा दिना उन दिनो की याद मे, वो दिन वो जगह कभी नही भुल सकते, बहुत सुंदर यादे याद दिला दी आप ने अपने संग हमे भीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-79680257396021106302011-06-29T18:54:01.947+05:302011-06-29T18:54:01.947+05:30bachapan ki yaadein sach me anmol hoti hain.....ba...bachapan ki yaadein sach me anmol hoti hain.....bahut accha sansmaran hsomalihttps://www.blogger.com/profile/02791579961616444107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15183183131600306302011-06-29T16:02:52.382+05:302011-06-29T16:02:52.382+05:30सच में बचपन लौट कर नहीं आता। सुंदर संस्मरण|सच में बचपन लौट कर नहीं आता। सुंदर संस्मरण|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-22378147455708675012011-06-29T14:35:15.829+05:302011-06-29T14:35:15.829+05:30बचपन की यादों के महासागर में आपके साथ हम भी उतरा ल...बचपन की यादों के महासागर में आपके साथ हम भी उतरा लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-42545861708995835662011-06-29T13:28:29.042+05:302011-06-29T13:28:29.042+05:30ओह उस प्यारे से घर को कैसे भूल सकता हूं , कॉलोनी क...ओह उस प्यारे से घर को कैसे भूल सकता हूं , कॉलोनी के शुरूआत में ही , पहला घर , खुल्ला खुल्ला दो बडे बडे कमरे , आगे मैदान के बराबर खुली जगह औरपीछे बहुत ही बडा अहाता ..वहां पहली बार ही तो ..धनिया के , मूली के ,गाजर के , भिंडी के , नींबू के , मिर्च के और जाने किन किन पौधों से पहलापरिचय हुआ था .पिताजी ने लगाए थे ..और उनकी देखभाल भी ऐसी होतीथी जैसे , वे भी घर के ही बच्चे हों .क्या खूब जंचती थी वो क्यारियां ।<br />aisa hi shuddh mera bhi ek ghar thaरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-14741092681388377062011-06-29T12:56:13.675+05:302011-06-29T12:56:13.675+05:30" बचपन की बातें जब आप बडे होकर याद करते हैं, ..." बचपन की बातें जब आप बडे होकर याद करते हैं, तो बहुत सी मीठी खट्टी यादें आपके आसपास तैरने लगती हैं ।" --- सौ फीसदी सच है...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-3593173706438571882011-06-29T12:15:00.256+05:302011-06-29T12:15:00.256+05:30बचपन की यादों में डूबा सुंदर संस्मरण ...बचपन की यादों में डूबा सुंदर संस्मरण ...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-51530804928512528662011-06-29T11:53:32.352+05:302011-06-29T11:53:32.352+05:30हा हा हा अरे लखनऊ तो पूरा घूमा दिए भैया हमको.लगा ह...हा हा हा अरे लखनऊ तो पूरा घूमा दिए भैया हमको.लगा हम भी आपकी ऊ कटही गाडी में बैठे हैं आपके पास और बड़े हैं सो रुआब भी गाँठ रहे है 'अज्जू! जा आम तोड़ ला,लगा एक पत्थर की,धत्त !निशाना भी सही नही लगा सकते एक आँख बंद करके अब आम को देखो और.....घूमा कर मार,ले टपक पड़ा ना आम,हमसे सीख'<br />'दी ! पेड़ पर चढ़ कर ले औ?'<br />'नही.पापा मारेंगे,चुपचाप बैठ जा और आम मुझे दे के मेरा मुंह देख,खट्टा आम खाने पर कैसा मुंह बनाती हूँ न्?' हा हा हा <br />बाबु! बचपन की यादें हमारा खजाना है जो सुकून देता है.जिन बातों या घटनाओ से तब शर्मिंदा हो जाते थे उन्ही को आज याद करके बताते हुए कितना हँसते हैं हम? मैंने मामी के बिस्तर पर सु सु कर दी थी.चौथी में पढ़ती थी.मारे शर्म के उनके सामने नही गई कई दिन. और अब.............बिस्तर पर सू सु कर देने वाले हर बच्चे को बताती हूँ.पर...तुम्हे नही बताऊंगी तुम मेरी हँसी उड़ाओगे.हा हा हा बहुत प्यार लिखा है.<br />पर...छोटा लिखो.चाहे इसे दो भागों में लिखो.ओके? <br />अरे बहुत टिका टिप्पणी करती रे बाबु!<br />क्या करू?ऐसिच हूँ मैं तो.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-30415240266172542752011-06-29T11:38:27.511+05:302011-06-29T11:38:27.511+05:30आपकी पोस्ट पढ़कर अपना बचपन भी याद आ गया, बहुत समान...आपकी पोस्ट पढ़कर अपना बचपन भी याद आ गया, बहुत समानताएं हैं, शरारतों का जिक्र आपने गोल कर दिया है, जो कभी जानबूझकर की जाती थीं या अनजाने में हो जाती थीं. उसके बाद यथानुसार पिटाई भी होती थी.Kamal Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/00531279326377444710noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-76465290379969503412011-06-29T11:27:46.951+05:302011-06-29T11:27:46.951+05:30सुंदर संस्मरणसुंदर संस्मरणअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58001440884384210312011-06-29T11:24:15.156+05:302011-06-29T11:24:15.156+05:30सच में बचपन लौट कर नहीं आता।
आपके संस्मरन ने हमें ...सच में बचपन लौट कर नहीं आता।<br />आपके संस्मरन ने हमें भी बचपन की मीठी यादों तक पहुँचा दिया।Mukeshhttps://www.blogger.com/profile/10419400047507603499noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-24513004687432489652011-06-29T10:58:00.470+05:302011-06-29T10:58:00.470+05:30अजय भाई, आपके बचपन की बातें पढकर मन रमण करने लगा उ...अजय भाई, आपके बचपन की बातें पढकर मन रमण करने लगा उन चाहतों में जो बचपन में ही हुआ करती थीं.पतंग उड़ाना ,गिल्ली डंडा खेलना और न जाने कितने खिलौनों से असीम प्यार.पर बचपन बीत गया और चाहतें भी बदल गयीं.बस,यादें रह गईं हैं.<br />अब एक और चाहत को समझने का प्रयत्न कर रहा हूँ.मेरी नई पोस्ट 'सीता-जन्म-आध्यात्मिक चिंतन-१'<br />पर आपका स्वागत है.जरा मदद कीजियेगा मेरी इस चाहत को और अच्छी तरह से समझने में.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-19809097275277245792011-06-29T10:54:32.315+05:302011-06-29T10:54:32.315+05:30अरे तो आप नदी पहाड रेसटीप मार गेंदा ई सब नई खेले ह...अरे तो आप नदी पहाड रेसटीप मार गेंदा ई सब नई खेले है का ..गिल्ली डंडा मे बडा दिक्कत हुआ था एक बार हमको, भाग दिए थे घर काहे लिए बडा दूर तक लंगडी का चांस था ..याज्ञवल्क्यhttps://www.blogger.com/profile/01237702332651413280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49587893479760581522011-06-29T10:49:09.854+05:302011-06-29T10:49:09.854+05:30बचपन में सोचा करते थे कि यह भी कोई जीवन है? जब देख...बचपन में सोचा करते थे कि यह भी कोई जीवन है? जब देखो कोई डांट देता है। कितने अभाव दिखायी देते थे लेकिन अब वे ही अभाव याद आते हैं। क्योंकि उस जीवन में कृतित्रमता नहीं थी। आपने लखनऊ, दिल्ली सभी घुमा दिया आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com