tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post5579777342382315189..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : ग्लोबल वार्मिंग देख ली अब विलेजियल ग्रीनरी देखिए (ग्राम प्रवास -भाग ४ )अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-55838701998104590252010-01-04T21:14:02.168+05:302010-01-04T21:14:02.168+05:30गीत याद आ गया "गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा...&...गीत याद आ गया "गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा..."डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-35148549824199108972010-01-04T20:56:07.608+05:302010-01-04T20:56:07.608+05:30nav varsh ki mangal shubhkaamnaaye ,aapke vichar a...nav varsh ki mangal shubhkaamnaaye ,aapke vichar aur karm dono uttam hai ,sahi kaha aapne ped har kisi ko lagana chahiye ,ye saari tasvir hame bahut kuchh sikh de rahi hai .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-42415165166746649002010-01-04T20:35:42.860+05:302010-01-04T20:35:42.860+05:30गाँव की तो हवा में ही ताजगी होती है।
सुन्दर चित्र...गाँव की तो हवा में ही ताजगी होती है। <br />सुन्दर चित्र।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-32990831693274637972010-01-04T14:38:06.378+05:302010-01-04T14:38:06.378+05:30वाह ! इतनी हरियाली. मन ऑक्सीजन से भर गया..वाह ! इतनी हरियाली. मन ऑक्सीजन से भर गया..वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-77045529936469953552010-01-04T11:08:29.393+05:302010-01-04T11:08:29.393+05:30चित्र देखकर आनंद आगया और सहसा गांव की यदों मे लौट ...चित्र देखकर आनंद आगया और सहसा गांव की यदों मे लौट गये. आपने ये चित्र खींच कर बहुत अच्छा किया.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-4955710281060846772010-01-04T08:16:02.272+05:302010-01-04T08:16:02.272+05:30बहुत अच्छा लगा।बहुत अच्छा लगा।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-40601710138055224392010-01-04T08:00:58.480+05:302010-01-04T08:00:58.480+05:30आनन्द आया देख कर...
’सकारात्मक सोच के साथ हिन्द...आनन्द आया देख कर...<br /><br /><br /><br /><b>’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’</b><br /><br />-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.<br /><br />नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'<br /><br /><b>कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.</b><br /><br />-सादर, <br />समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91045282758649811022010-01-03T22:49:05.339+05:302010-01-03T22:49:05.339+05:30वाह जी बल्ले बल्लेवाह जी बल्ले बल्लेKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-21992975618922602832010-01-03T22:44:27.442+05:302010-01-03T22:44:27.442+05:30बहुत ही सुखद लग रहा है चित्रों में हरियाली को देखन...बहुत ही सुखद लग रहा है चित्रों में हरियाली को देखना...असलियत में देखने को मिले तो कहने ही क्या... <br />बढिया पोस्टराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-52554820652568218522010-01-03T22:42:29.302+05:302010-01-03T22:42:29.302+05:30बिल्कुल सही कहा आपने कही ना कही तो यह पेड़ पौधे शह...बिल्कुल सही कहा आपने कही ना कही तो यह पेड़ पौधे शहर के पर्यावरण को भी सुरक्षित कर रहे है..शहर वालों का ध्यान ही नही जाता जबकि आज भी गाँव वाले पेड़ पौधों के प्रति अपना प्रेम बनाए रखे है..और यह निरंतर चलता भी रहेगा...विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-52637691398717721542010-01-03T22:29:44.487+05:302010-01-03T22:29:44.487+05:30सही है गांव की हरियाली के कहने ही क्या हैं? अब हमा...सही है गांव की हरियाली के कहने ही क्या हैं? अब हमारा गांव भी हरियाली खोते जा रहा है। क्योकि नयी राजधानी के कारण भु माफ़ियों की जद मे आ गया है। बस अब जमीन बेचो, बाईक, दारु, मुर्गा, जुआ और फ़िर कोर्ट कचहरी। सारे ही तो रोग आ गए विकास के साथ, पता नही कैसा विकास है विनाश जैसा।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-51429805722092516862010-01-03T21:59:21.596+05:302010-01-03T21:59:21.596+05:30सच है "चुप खडे घने जंगलों से गुफ़त्गू करने का...सच है "चुप खडे घने जंगलों से गुफ़त्गू करने का जो आनंद है, वो अलौकिक होता है।"<br /><br />आपकी संताने तो खासी बड़ी हो गई हैं :-)<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-64159660686472302712010-01-03T21:58:20.301+05:302010-01-03T21:58:20.301+05:30सभी चित्र बहुत सुंदर, धन्यवादसभी चित्र बहुत सुंदर, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-23765460218299868972010-01-03T21:09:01.168+05:302010-01-03T21:09:01.168+05:30बहुत सुंदर चित्र हैं। हम तो इन का इंतजार ही कर रहे...बहुत सुंदर चित्र हैं। हम तो इन का इंतजार ही कर रहे थे।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-43574906281055747102010-01-03T20:54:03.403+05:302010-01-03T20:54:03.403+05:30सुंदर पोस्ट ,नव वर्ष की मंगल मय शुभकामनायें .सुंदर पोस्ट ,नव वर्ष की मंगल मय शुभकामनायें .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.com