tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post5127968408613926338..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : ब्लोगजगत का संक्रमणकाल: अपना सर्वस्व और सर्वश्रेष्ट देने का समयअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-79072162894944802742009-10-13T16:29:16.466+05:302009-10-13T16:29:16.466+05:30वाह बहुत बढ़िया लगा आपका ये पोस्ट! नए ब्लॉग की हार...वाह बहुत बढ़िया लगा आपका ये पोस्ट! नए ब्लॉग की हार्दिक बधाइयाँ !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-85824452335987584722009-10-13T12:57:47.876+05:302009-10-13T12:57:47.876+05:30अवधिया से सहमत कुछ समय तक शायद ऐसा ही चलेगा पर बाद...अवधिया से सहमत कुछ समय तक शायद ऐसा ही चलेगा पर बाद में जब हिन्दी से कमाई होने लगेगी तो सभी लोग आपसी झगड़ा भूल जायेंगे और व्यावसायिक लेखन में लग जायेंगे।अवधिया चाचाhttps://www.blogger.com/profile/03952147312570669352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-37296154754785597062009-10-13T12:51:32.880+05:302009-10-13T12:51:32.880+05:30ओह अईसन है क्या..शुकुल जी आप तो हमको धर्म संकट में...ओह अईसन है क्या..शुकुल जी आप तो हमको धर्म संकट में डाल दिये ..हमही को काहे पता नहीं कतना लोगन को ...चलिये एतने का कम है कि फ़ोटो एक दम सेम टू सेम है...लोग बाग पहचान जायेंगे..फ़िर आपके चर्चा के लिये भी तो दू चार ठो ब्लोग रहना न ..चाहिये हमारा ..एक गो तो पकड्बे किजीयेगा..अब तो बन गया..अब झेलना ही पडेगा...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-79974563197781299882009-10-13T12:29:16.000+05:302009-10-13T12:29:16.000+05:30जय हो। बधाई हो नये ब्लाग की। वैसे मेरी समझ में एक ...जय हो। बधाई हो नये ब्लाग की। वैसे मेरी समझ में एक ब्लाग ही रहना चाहिये एक व्यक्ति का।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-1257873406229995442009-10-13T09:55:36.071+05:302009-10-13T09:55:36.071+05:30आप लोगों की आपत्ति या कहूं कि मार्गदर्शन के लिये श...आप लोगों की आपत्ति या कहूं कि मार्गदर्शन के लिये शुक्रिया...मैंने शब्द को बदल कर वही कर दिया है....यही उचित है शायद..आप लोगों का आभार..अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-66499322924450616142009-10-13T08:57:37.715+05:302009-10-13T08:57:37.715+05:30नए ब्लाग के लिए शुभकामनाएं .. उम्मीद करती हूं .....नए ब्लाग के लिए शुभकामनाएं .. उम्मीद करती हूं .. वहां अच्छे मुद्दों पर कुछ न कुछ पढते रहने को मिलता रहेगा .. मेरी मजबूरी है कि हम पाठकों को वही पढा रहे हैं .. जो पाठक पढना नहीं चाहते!!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-17636727614648982442009-10-13T08:49:05.661+05:302009-10-13T08:49:05.661+05:30झा जी,
बाकी दिया गला छडो, बस दिल साफ होना चाइदा.....झा जी,<br /><br />बाकी दिया गला छडो, बस दिल साफ होना चाइदा...नए ब्लॉग<br />के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-29327262151842621672009-10-13T08:20:12.123+05:302009-10-13T08:20:12.123+05:30झा जी आपने शुक्राणु कहिन-पंडित वत्स ने टोका ,ई स्व...झा जी आपने शुक्राणु कहिन-पंडित वत्स ने टोका ,ई स्वामी ने चुटकी ली ! महराज उसे बदल कर विषाणु कर दीजिये जो आप सचमुच कहना चाहते थे ! नो आर्गूमेंट्स प्लीज़ !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-34090968873861090242009-10-12T22:58:53.857+05:302009-10-12T22:58:53.857+05:30कुछ लोग हैं जो ब्लॉगर्स जगत में हलचल पैदा कर रहे ह...कुछ लोग हैं जो ब्लॉगर्स जगत में हलचल पैदा कर रहे है परंतु हमे उनके इस प्रयास को असफल करना हैविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-240661216111565302009-10-12T21:32:39.815+05:302009-10-12T21:32:39.815+05:30हा...हा..हा..आखिर आपने पकड ही लिया..दरअसल मैं प्रय...हा...हा..हा..आखिर आपने पकड ही लिया..दरअसल मैं प्रयोग तो जीवाणु या कीटाणु ही करना चाहता था ..मगर फ़िर सोचा कि ये सब तो वो वायरस हैं जिनका तोड देर सवेर निकल ही आता है..मगर ये मुद्दे तो शुक्राणु ही साबित हो रहे हैं....जिनसे जाने क्या क्या पनप रहा है..और ये शुक्राणु इस कारण भी हैं क्योंकि पल में ही द्विगुणित होते जाते हैं..और कुछ मकसद नहीं था ...उम्मीद है उद्देश्य को समझा जायेगा..अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49826440998772697972009-10-12T20:37:45.597+05:302009-10-12T20:37:45.597+05:30शुक्राणुओं का हमला - फ़्रॉडियन स्लिप?! LOL!!शुक्राणुओं का हमला - फ़्रॉडियन स्लिप?! LOL!!eSwamihttps://www.blogger.com/profile/04980783743177314217noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-20694299898941338182009-10-12T20:35:03.575+05:302009-10-12T20:35:03.575+05:30अगर हम गम्भीर साहित्य की सर्जना कर रहे हैं तो निश्...अगर हम गम्भीर साहित्य की सर्जना कर रहे हैं तो निश्चित ही ब्लॉग जगत में उसकी छवि दिखाई देगी । मनोरंजन के लिये तो अन्य बहुत से माध्यम हैं । जिस दौर से हमारा समाज गुजर रहा है उसकी छाया भी यहाँ दिखाई देगी । अंतत: अभिव्यक्ति के खतरे तो उठाने ही होंगे ( मुक्तिबोध) बेहतर यह होगा कि इस दिशा में सोचने वाले गम्भीर लेखकों को हम यहाँ जोड़ने का प्रयास करें । जिसे जो राह चुननी है चुन लेगा ,पाठक भी और लेखक भी ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-54347200264009258852009-10-12T20:33:03.068+05:302009-10-12T20:33:03.068+05:30झा जी, पोस्ट तो आपने बहुत बढिया लिखी है...इस विषय ...झा जी, पोस्ट तो आपने बहुत बढिया लिखी है...इस विषय में आपके विचारों से हम भी पूर्णत:सहमत हैं कि इस प्रकार विवादों में उलझने की अपेक्षा कुछ सार्थक किया जाए तो ही हम कह सकते हैं कि वास्तव में हिन्दी ब्लागिंग का भविष्य सुरक्षित है ।<br />किन्तु आपने जो "शुक्राणु" शब्द का प्रयोग किया है, वो हमें समझ में नहीं आया । कीटाणु या जीवाणु लिखते तो सही होता ।Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-16649435997308010232009-10-12T19:13:12.466+05:302009-10-12T19:13:12.466+05:30आपकी चिंता वाजिब है. पर हर रात के बाद एक शानदार सु...आपकी चिंता वाजिब है. पर हर रात के बाद एक शानदार सुबह होती है.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-26950141849076724222009-10-12T18:16:48.098+05:302009-10-12T18:16:48.098+05:30झा साहब यह सब युही चलता रहेगा, कभी कम तो कभी ज्या...झा साहब यह सब युही चलता रहेगा, कभी कम तो कभी ज्यादा.... इस का कोई इलाज नही.... अगर है तो कोई बताये???<br />बस एक ही इलाज है कि जिसे इस से बचना है वो कीचड की तरफ़ जाये ही ना, कबीरा बाबा की बात माने...<br />कबीरा तेरा बंगला, टांग खिचंन के पास, <br />खिचेंगा सो खायेगा, तु क्यो होत उदासराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-38422308798608669412009-10-12T18:01:30.605+05:302009-10-12T18:01:30.605+05:30झा जी, अभी तो कुछ समय तक शायद ऐसा ही चलेगा पर बाद ...झा जी, अभी तो कुछ समय तक शायद ऐसा ही चलेगा पर बाद में जब हिन्दी से कमाई होने लगेगी तो सभी लोग आपसी झगड़ा भूल जायेंगे और व्यावसायिक लेखन में लग जायेंगे।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-10127201084046828332009-10-12T17:54:50.356+05:302009-10-12T17:54:50.356+05:30सही कह रहे है अजय जी आपसही कह रहे है अजय जी आपMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-35473911545149114852009-10-12T17:51:14.472+05:302009-10-12T17:51:14.472+05:30बन्धु, राजनैतिक लेखन और मुद्दों सम्बन्धी कड़ी आलोचन...बन्धु, राजनैतिक लेखन और मुद्दों सम्बन्धी कड़ी आलोचना से जिनको मिर्ची लग जाती है, उनका क्या करेंगे भाई? मुद्दे तो ढेर हैं, लेकिन उन्हीं में विवाद भी तो समाया हुआ है, विवादों से बच नहीं सकते, उनके साथ जीना सीखना ही होगा… :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-22975154605506836322009-10-12T17:10:25.712+05:302009-10-12T17:10:25.712+05:30समाज में बेवजह धार्मिक अतिवाद मौजूद है, लिंग भेद भ...समाज में बेवजह धार्मिक अतिवाद मौजूद है, लिंग भेद भी है,और जातिवाद भी। आर्थिक विषमता भी है, भ्रष्टाचार भी है और बाजारवाद के माध्यम से जनता की जेब की खुली लूट भी है। बेरोजगारी भी है और लोग 16 से 18 घंटे काम भी कर रहे हैं। यह सब समस्याएँ तो ब्लागिंग में आएंगी, उन्हें कैसे रोका जा सकता है। हाँ ब्लागर एक नीति बनाएँ कि किसी को अपमानित न करेंगे। बहस को भदेसपन में न ले जाएँगे। और विचारविमर्श को व्यक्तिगत आग्रह-दुराग्रह से मुक्त रखते हुए ईमानदारी से मनुष्य जाति के लिए किसी मुक्ति मार्ग की तलाश में रहेंगे तो सब चलेगा। मतभेद हल होते रहेंगे। जो लोग इस से इतर चलेंगे तो उन्हें कभी न कभी ब्लागिंग के इस मार्ग से अलग होना ही पड़ेगा। पाठक उन्हें अकेला छोड़ देगा। <br /><br />ब्लागिंग का भविष्य उज्जवल है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-50812267399297776052009-10-12T17:08:57.063+05:302009-10-12T17:08:57.063+05:30नए ब्लोग की हार्दिक बधाई. भ्रमण कर आया हूँ.नए ब्लोग की हार्दिक बधाई. भ्रमण कर आया हूँ.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com