tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post1620152477015778453..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : फ़ूंफ़ां ब्लोग्गिंग बनाम गंभीर लेखकिंगअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-52645329233534884452010-01-27T22:42:58.175+05:302010-01-27T22:42:58.175+05:30यह फ़ूँफ़ाँ विशेषण अच्छा लगा ।यह फ़ूँफ़ाँ विशेषण अच्छा लगा ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-32435235786020580432010-01-12T22:04:11.142+05:302010-01-12T22:04:11.142+05:30अजय भईया एक आप ही हैं जो ऐसे गंभीर मुद्दे को सामने...अजय भईया एक आप ही हैं जो ऐसे गंभीर मुद्दे को सामने लाने के लिए सहायक बनते हैं । आपसे बिल्कुल सहम हूँMithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-23203701076237857022010-01-12T21:37:20.185+05:302010-01-12T21:37:20.185+05:30your analysis is superbyour analysis is superbAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-89006174348701051472010-01-12T18:06:10.058+05:302010-01-12T18:06:10.058+05:30यूँ ही ब्लॉगियाते रहिए... फूँ फाँ वाले भी इस समाज ...यूँ ही ब्लॉगियाते रहिए... फूँ फाँ वाले भी इस समाज को एक अलग रंग देते हैं... ब्लॉगरी को भी। <br /><br />मस्त पोस्ट है जी।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27544082229754431622010-01-12T13:37:19.814+05:302010-01-12T13:37:19.814+05:30हमने भी तीन ब्लाग बना रखे हैं...एक तो वो जो कि पूर...हमने भी तीन ब्लाग बना रखे हैं...एक तो वो जो कि पूर्णत: ज्योतिष विषय पर आधारित है, दूसरा धर्म ओर दर्शन पर ओर तीसरा जो है...वो कभी कभार फूँ फाँ करने के लिए :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-4336103591255723212010-01-12T13:37:04.870+05:302010-01-12T13:37:04.870+05:30विवाद पटकिंग + लेग पुलिंग + टीआरपी लिफ्टिंग+ टिप्प...विवाद पटकिंग + लेग पुलिंग + टीआरपी लिफ्टिंग+ टिप्पणी जुगाड़िंग = पॉपुलेरिटी रॉकेटिंग...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-86230518236729021212010-01-12T12:37:24.034+05:302010-01-12T12:37:24.034+05:30फूंफां करते रहिये
ब्लॉग जगत का
हो रहा है भला
इसे ...फूंफां करते रहिये<br />ब्लॉग जगत का<br />हो रहा है भला<br />इसे पलटें तो<br />लाभ<br />शुभ ब्लॉग।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-47370412133934323352010-01-12T12:20:43.289+05:302010-01-12T12:20:43.289+05:30एक अच्छा शब्द मिला फ़ूंफ़ा और गंभीर.:) अभी सोचके ब...एक अच्छा शब्द मिला फ़ूंफ़ा और गंभीर.:) अभी सोचके बताते हैं कि हम कौन सी श्रेणी मे हैं.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-78909455870521135882010-01-12T11:16:35.065+05:302010-01-12T11:16:35.065+05:30अभी देखा तो पाया कि खुद के द्वारा नियंत्रित हिन्दी...अभी देखा तो पाया कि खुद के द्वारा नियंत्रित हिन्दी, पंजाबी, अंगरेजी के 30 ब्लॉग हैं और करीब 4 अंग्रेजी की वेबसाईट्स। सभी विषय आधारित। किसी में कथित फूं-फां नहीं। साधारण सा लेखन ऐसा कि किसी को जानकारी जैसा कुछ प्राप्त हो। कोई मौज़ नहीं, कोई मस्ती नहीं। हाँ नियमित नहीं है लेखन्। इतनी फुरसत ही कहाँ है भई!<br /><br />वैसे आपकी पोस्ट सारगर्भित है<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-43231097169834114322010-01-12T10:36:53.259+05:302010-01-12T10:36:53.259+05:30बिल्कुल ठीक . हर चीज के कमसे कम दो पहलू तो होते ही...बिल्कुल ठीक . हर चीज के कमसे कम दो पहलू तो होते ही हैं .डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-65559814789345967632010-01-12T09:51:34.371+05:302010-01-12T09:51:34.371+05:30कितने ब्लॉग बनाना है यह तो ब्लॉग बनाने वाले के उद्...कितने ब्लॉग बनाना है यह तो ब्लॉग बनाने वाले के उद्देश्य पर निर्भर करता है। अंग्रेजी में तो एक एक ब्लोगर के सौ सौ से भी अधिक ब्लोग हैं क्योंकि उनका उद्देश्य ब्लोग के द्वारा व्यवसाय करना है। अलबेला खत्री जी ने अपनी एक टिप्पणी में स्वीकार किया है कि उनके ब्लोगिंग का उद्देश्य स्वयं का प्रचार प्रसार करना है अतः उनके द्वारा अधिक से अधिक ब्लॉग बनाया जाना उचित ही है। मैंने अपना "संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण" ब्लॉग इसलिये बनाया कि रामायण की कथा को मैं अपने "धान के देश में" के पोस्टों के साथ गड्ड मड्ड नहीं करना चाहता था। मेरे भी और ब्लॉग्स हैं जो कि संकलकों में नहीं है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-56528606183781436262010-01-12T08:19:23.816+05:302010-01-12T08:19:23.816+05:30सही कह गयी अदा ...इहाँ एक ठो ब्लॉग को संभाला नह...सही कह गयी अदा ...इहाँ एक ठो ब्लॉग को संभाला नहीं जा रहा है ...इतना विचार कहाँ से उड़कर आ जाता है आपके भेजे में ...तनिक सप्लाई कीजियेगा ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-29910000617109933952010-01-12T08:03:20.631+05:302010-01-12T08:03:20.631+05:30goodgoodहास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-73749356486931481812010-01-12T07:54:41.310+05:302010-01-12T07:54:41.310+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-44954946844351345842010-01-12T03:18:03.268+05:302010-01-12T03:18:03.268+05:30हम एक ब्लॉग की खुराक नहीं दे पाते ..जाने आप कैसे इ...हम एक ब्लॉग की खुराक नहीं दे पाते ..जाने आप कैसे इतने सम्हाल पाते हैं...<br />ब्लागिंग करके भी पछताए और नहीं करेंगे तो ज्यादा पछतायेंगे.....<br />इसीलिए....हर दिन सूली पर चढ़ जाते हैं...स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-72157709527248076552010-01-12T01:27:25.725+05:302010-01-12T01:27:25.725+05:30ब्लांग एक ही हो तो अच्छा है मेने शोक मै चार बना लि...ब्लांग एक ही हो तो अच्छा है मेने शोक मै चार बना लिये, अब...... उन्हे बन्द भी नही करता, प्यार जो होगया, ओर उन की खुराक भी नही दे पाता उन्हे, इस लिये एक या दो ब्लांग सुखी ब्लांगर<br />आप के लेख से सहमत हुंराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-35972732395340919842010-01-12T01:10:48.828+05:302010-01-12T01:10:48.828+05:30बढ़िया सोच के साथ लिखा गया गंभीर लेखबढ़िया सोच के साथ लिखा गया गंभीर लेखराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-57013298762880953562010-01-12T00:54:07.039+05:302010-01-12T00:54:07.039+05:30निरँकुश ब्लॉगिंग और उन्मुक्त अभिव्यक्ति की सीमा रे...<i><br /><br />निरँकुश ब्लॉगिंग और उन्मुक्त अभिव्यक्ति की सीमा रेखा सभी-लोग स्वयँ ही निश्चित कर सकते हैं, बशर्ते वह ऎसी इच्छाशक्ति को टिप्पणी मोह में, और तथाकथित टी.आर.पी. के चलते दबा न दें । इसका दुर्भाग्य समय ही बतायेगा !<br /></i>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-36525348983305408302010-01-12T00:40:05.791+05:302010-01-12T00:40:05.791+05:30बिल्कुल ठीक किया...इसमें इतना क्या सोचना. रिटायरम...बिल्कुल ठीक किया...इसमें इतना क्या सोचना. रिटायरमेन्ट कौन बरस में है भईये??Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-33197800790207752192010-01-12T00:38:22.718+05:302010-01-12T00:38:22.718+05:30सच कहा भाईसच कहा भाईबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-33441239083193063322010-01-12T00:17:38.075+05:302010-01-12T00:17:38.075+05:30मुझे लगता है कि बहुत अधिक ब्लाग बनाने की नीति बहुत...मुझे लगता है कि बहुत अधिक ब्लाग बनाने की नीति बहुत अच्छी नहीं। एक ही ब्लाग पर दिन में अनेक पोस्टें की जा सकती हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90812681152996129592010-01-11T23:44:27.135+05:302010-01-11T23:44:27.135+05:30बेबाकी तथा साफगोई का बयानबेबाकी तथा साफगोई का बयानमनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90950014938049553132010-01-11T23:18:52.772+05:302010-01-11T23:18:52.772+05:30aapne apni post me vishya ke saath nyaay kiya hai
...aapne apni post me vishya ke saath nyaay kiya hai<br /><br />yahi kala hai aur yahi kaarigari hai ek kalamkaar ki.......<br /><br />badhaai !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-57978172347107906972010-01-11T22:37:09.330+05:302010-01-11T22:37:09.330+05:30मुझे लगता है कि एक ही ब्लोग्गर में फ़ूंफ़ां और गंभ...मुझे लगता है कि एक ही ब्लोग्गर में फ़ूंफ़ां और गंभीर टाईप के लेखन दोनों केस्वाभाविक जीवाणु होते हैं और जबजो हावी होता है , उसका प्रतिफ़ल पोस्ट केरूप में हमारे सामने आता है । बिलकुल सही बात कही आपने..... सहमत....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com