tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post1340785217076299909..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : जो तुम रिपब्लिक तो हम पब्लिक हैं बाबूअजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-13135785725851000192011-12-26T14:31:01.497+05:302011-12-26T14:31:01.497+05:30janta ko jaagrook kar rahe ho:)janta ko jaagrook kar rahe ho:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-31905774077280480202011-10-23T11:23:24.204+05:302011-10-23T11:23:24.204+05:30मंगल मय हो सबको दीपों का त्यौहार ,दीपों का आकाश ....मंगल मय हो सबको दीपों का त्यौहार ,दीपों का आकाश .आभार इस अन्वेषण के लिए . .शानदार प्रस्तुति हम भी तदानुभूत हुए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-12231010541286735872011-10-23T09:28:32.342+05:302011-10-23T09:28:32.342+05:30मैं तो विगत पंद्रह साल से एक ही राग गाए जा रही हूँ...मैं तो विगत पंद्रह साल से एक ही राग गाए जा रही हूँ कि हमारा संविधान तो पुरी तरह से अंग्रेजों के कानूनों से भरा पड़ा है। जहाँ राजा और प्रजा के लिए अलग-अलग कानून थे। अब प्रजा भी कह रही है कि दोनों के लिए एक ही कानून बनाओ। लेकिन कठिनाई यह है कि अभी भी प्रजा को यह बात नहीं समझायी जा रही है कि राजनेता और नौकरशाह किसी भी कानून से सीधे बंधे हुए नहीं है इसलिए जनलोकपाल के माध्यम से यह सीधे बंधने की स्थिति में आएंगे। यही कारण है कि सत्ता और नौकरशाह अपनी पुरजोर शक्ति के साथ विरोध करने पर तुली हुई है। यदि काननू एक समान बन गए तब फिर राजा और प्रजा का अन्तर क्या रहेगा? फिर कैसे कह सकेंगे कि हम सांसद है और हमारे विशेषाधिकार हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-5066867184375201262011-10-22T23:31:56.760+05:302011-10-22T23:31:56.760+05:30मझधार में नैया डोले तो माझी पार लगाए...
माझी जो ना...मझधार में नैया डोले तो माझी पार लगाए...<br />माझी जो नाव डुबोए उसे कौन बचाए...<br /><br />कांटों का तो धर्म ही है चुभना लेकिन फूल जो ज़ख्म देते हैं वो कभी नही भरते...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-27985604915820473922011-10-22T23:17:46.806+05:302011-10-22T23:17:46.806+05:30अब तो अन्ना टीम को ही भ्रष्टाचार के घेरे में लेने ...अब तो अन्ना टीम को ही भ्रष्टाचार के घेरे में लेने की साजिश कर रही है सरकार.... सर से पाँव तक :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-88703585958861160672011-10-22T22:31:02.211+05:302011-10-22T22:31:02.211+05:30जनता जागरूक हो चुकी है ..सरकार के ये दांव पेंच समझ...जनता जागरूक हो चुकी है ..सरकार के ये दांव पेंच समझ में आने लगे हैं ...अच्छा विश्लेषणसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-78079682583840511672011-10-22T22:24:53.551+05:302011-10-22T22:24:53.551+05:30कानूनों में छिद्र बाकायदा बनाये जाते है ताकि सरकार...कानूनों में छिद्र बाकायदा बनाये जाते है ताकि सरकारी लोग उससे निकल कर बहार आ सके और सरकारी लोकपाल इसका प्रत्यक्ष उदाहरन है जहा शिकायत करने वाले को मामला साबित न कर पाने पर दो साल और साबित होने पर अपराधी को छ मही की सजा का प्रावधान था | अब जनता इतनी भी बेवकूफ नहीं रही की इस तरह लोगो को बदनाम किया जाये और लोग कुछ समझे भी नहीं |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-51613534595154126622011-10-22T22:22:10.734+05:302011-10-22T22:22:10.734+05:30बढ़िया सामयिक एव आवश्यक विश्लेषण....
हार्दिक शुभका...बढ़िया सामयिक एव आवश्यक विश्लेषण....<br />हार्दिक शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-53459544176898431872011-10-22T22:07:18.622+05:302011-10-22T22:07:18.622+05:30बढिया विश्लेषण किया है आपने .. सबसे बडी बात कि अभ...बढिया विश्लेषण किया है आपने .. सबसे बडी बात कि अभी न जाने और अभी आगे जाने क्या क्या होना है!!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49164463099731663242011-10-22T22:06:30.278+05:302011-10-22T22:06:30.278+05:30वैसे बैर तो किसी से नहीं करना चाहिए यदि करना पड़े ...वैसे बैर तो किसी से नहीं करना चाहिए यदि करना पड़े तो मगरमच्छ से ही करना चाहिए :)Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-92078645642440951572011-10-22T19:13:53.625+05:302011-10-22T19:13:53.625+05:30sarkar se bair karna chhoti baat nahiye hai babu !...sarkar se bair karna chhoti baat nahiye hai babu !ek ek ko chun-chun kar marenge ,bhai !!संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-5898111109803180372011-10-22T18:45:15.142+05:302011-10-22T18:45:15.142+05:30दृष्टि दिखायी दे जाती कोई।दृष्टि दिखायी दे जाती कोई।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com