tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post1118176968530574462..comments2023-10-24T14:27:17.400+05:30Comments on बुकमार्क ... : अंत में फ़ुनसुक बांगडू बनना जरूरी है !!!!अजय कुमार झाhttp://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49723009448563537092010-01-18T23:08:45.053+05:302010-01-18T23:08:45.053+05:30फुंसुक बाँगड़ू ने यह पढ-आ कि नही ?फुंसुक बाँगड़ू ने यह पढ-आ कि नही ?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-90232307588505182362010-01-18T21:59:13.545+05:302010-01-18T21:59:13.545+05:30यह बात तो सही है... आखिर में फ़ुनसुक बांगडू ही बनन...यह बात तो सही है... आखिर में फ़ुनसुक बांगडू ही बनना पड़ता है....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-15038844881953886872010-01-18T21:28:28.955+05:302010-01-18T21:28:28.955+05:30aap ke lekh padti rahti hu .aaj three ideats par a...aap ke lekh padti rahti hu .aaj three ideats par aapka najariya padkar laga ki kitna sahi he .safalta hi sab kuch tay karti he jindgi me aapko kya or kese chahiye yah hame hi tay karna hoga.शब्द यात्रा की पथिकhttps://www.blogger.com/profile/06791967529879158562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-91888580432749947402010-01-18T19:03:10.831+05:302010-01-18T19:03:10.831+05:30भाई सीखने को कुछ मिले , ये तो अच्छी बात है।
सबसे ...भाई सीखने को कुछ मिले , ये तो अच्छी बात है। <br />सबसे बड़ी बात है, हमने तो कामेडी को खूब एन्जॉय किया। <br />वो भी बच्चों के साथ। मैं तो इसे इस फिल्म की उपलब्धि ही कहूँगा। वर्ना कितनी फिल्मे ऐसी हैं, जो आप बच्चों के साथ एन्जॉय कर सकें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-58172559375223137722010-01-18T18:41:54.164+05:302010-01-18T18:41:54.164+05:30झा जी-फ़िलिम तो मैने बहुत कम देखी है परदे पर्।
जो क...झा जी-फ़िलिम तो मैने बहुत कम देखी है परदे पर्।<br />जो कुछ टीवी पे आ गया देख लिए। आमिर खान किसी फ़िल्म को बनाने से पहले उस पर होमवर्क बहुत ही ज्यादा करते हैं जिससे फ़ि्ल्म मे से कोई न कोई संदेश बाहर निकल कर आता है।<br /><br />सफ़लता और असफ़लता दोनो नायक और सहनायक हैं क्योंकि दोनो साथ चलते हैं। प्रयास करके सफ़लता का वरण कि्या जाता है और प्रयास सफ़ल नही हुये तो असफ़लता आपका वरण करती है। <br />"रसरी आवत जात हि"। सफ़लता अवश्य मिलती है। आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-42504346283051800432010-01-18T09:46:10.875+05:302010-01-18T09:46:10.875+05:30आपकी मेमोरी बहुत अच्छी है
हर व्यक्ति में छुपा है...आपकी मेमोरी बहुत अच्छी है <br /><br />हर व्यक्ति में छुपा है एक बाँगड़ू<br /><br />आइन्सटाइन ने नाम बहुत कमाया, कहते हैं इंसान अच्छा नहीं थाडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-8037329471863552152010-01-18T09:03:09.415+05:302010-01-18T09:03:09.415+05:30आपके विचारों से अवगत हुये, शुभकामनाए.
रामराम.आपके विचारों से अवगत हुये, शुभकामनाए.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-49732414028257136102010-01-18T06:55:05.469+05:302010-01-18T06:55:05.469+05:30विचार पढकर अच्छा लगा।विचार पढकर अच्छा लगा।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-66019810498779655052010-01-18T04:05:05.119+05:302010-01-18T04:05:05.119+05:30आमिर की फिल्मों के संदेश बहुत दूर तक जाते हैं. अच्...आमिर की फिल्मों के संदेश बहुत दूर तक जाते हैं. अच्छा लगा आपकी सोच जानना!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-36566625878241442682010-01-18T00:58:14.324+05:302010-01-18T00:58:14.324+05:30अजय भाई,
अपनी काबलियत से हासिल की गई सफलता हमारा ह...अजय भाई,<br />अपनी काबलियत से हासिल की गई सफलता हमारा हक़ है...<br />लेकिन दूसरे का हक़ मार कर हासिल की गई सफलता गुनाह है...<br /><br />राजकपूर की फिल्म जागते रहो के गाने की कुछ पंक्तियां...<br /><br />सच्चे फांसी चढ़दे वेखे,<br />झूठे मौज उड़ादें...<br />लोकि कहदें रब दी माया,<br />मैं कहदां अन्याय...<br /><br />मैं कोई झूठ बोल्या,<br />कोई न भई कोई न,<br />मैं कोई कुफ्र तोल्या,<br />कोई न भई कोई न,<br />मैं कोई ज़हर घोल्या, <br />कोई न भई कोई न,<br />ओए हट के, <br />पराजी बच के, <br />ओ आऊं आऊं, ओ आऊं आऊं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-57398069759503970622010-01-17T23:57:47.371+05:302010-01-17T23:57:47.371+05:30भाई अजय, मेरी पूरी जिन्दगी इस सफ़लता की बाह्बाही के...भाई अजय, मेरी पूरी जिन्दगी इस सफ़लता की बाह्बाही के प्रतिरोध मे निकल गई. दुनिया बडी जालिम है, पर हम तो नही हो जालिम. सत्य और सच्चे का साथ दो बाकी दुनिया की ऐसी की तैसी.<br /> http://hariprasadsharma.blogspot.com/<br />dr rangeya raghav ka aaj janm din tha ek post likee thee aajAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-29955537760479912462010-01-17T23:36:53.438+05:302010-01-17T23:36:53.438+05:30आपने सही कहा ...आमिर की फिल्में काफी सीख दी जाती ह...आपने सही कहा ...आमिर की फिल्में काफी सीख दी जाती हैंराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-66527358076024530502010-01-17T23:26:44.314+05:302010-01-17T23:26:44.314+05:30बहुत सुंदर बात कही आप के सीनियर ने बाकी अभी हम ने ...बहुत सुंदर बात कही आप के सीनियर ने बाकी अभी हम ने यह फ़िल्म देखी नही, लेकिन अब जरुर देखेगेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-43900060814429030542010-01-17T23:07:12.700+05:302010-01-17T23:07:12.700+05:30आपने बिल्कुल सही सारांश प्रस्तुत की..यही सत्य है य...आपने बिल्कुल सही सारांश प्रस्तुत की..यही सत्य है यदि आदमी इसे मान ले और अपनी मनोभाव और प्रकृति की अनुरूप कार्य करे तो काबिल बन जाएगा..बढ़िया प्रसंग..धन्यवाद भैया..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7089285769560975105.post-703294562435865192010-01-17T22:48:54.768+05:302010-01-17T22:48:54.768+05:30हाँ, जी आमिर की फिल्में व्यावसायिक होते हुए भी उन ...हाँ, जी आमिर की फिल्में व्यावसायिक होते हुए भी उन में बहुत कुछ होता है। ज्ञानार्जन के लिए पढ़ना और परीक्षा में सफलता के लिए पढ़ना दोनों में जो अंतर है उसे ज्ञानार्जन के लिए पढ़ने वाला एक दो बार परीक्षा में असफल हो कर सीख जाता है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com